गर्भावधि में होने वाले मधुमेह को व्यायाम के सही चयन से किया जा सकता है ठीक

वाशिंगटन,एक शोध में पाया गया है कि गर्भावस्था से पहले अच्छी सेहत और व्यायाम करने से गर्भावधि मधुमेह का खतरा कम हो जाता है। गर्भावधि में होने वाली मधुमेह की बीमारी के प्रसव के बाद टाइप-2 मधुमेह में विकसित होने की संभावना होती है। गर्भावस्था के दौरान आखिरी आधा अंतराल में होने वाली मधुमेह की बीमारी को गर्भावधि बीमारी कहते हैं। इस बीमारी के दौरान गर्भवती महिला को प्यास और भूख ज्यादा लगती है,इसके साथ ही पेशाब भी बार-बार आता है। शोध की सह-लेखिका कारा व्हाइटेकर ने कहा कि, महिलाएं गर्भावस्था के दौरान खाने-पीने और व्यायाम को लेकर काफी सजग रहती हैं। लेकिन उन्हें गर्भावस्था से पहले भी अपने व्यायाम और सेहत को लेकर उतना ही सजग रहना चाहिए। इसके लिए उन्हें रोजाना आधा घंटा व्यायाम करना चाहिए। जिसमें तेज-तेज चलना जैसे मध्यम व्यायाम और जॉगिंग जैसे जोरदार व्यायाम कर सकते हैं।
व्हाइटेकर की टीम ने 25 वर्षीय 1,333 महिलाओं से प्राप्त किए गए आंकड़ों पर अध्ययन किया। इन महिलाओं को सात अध्ययन से गुजरना पड़ा। जिसमें गर्भवती होने की संभावना, गर्भावधि मधुमेह होने की संभावना, दो मिनट तक ट्रेडमिल के ऊपर तेज गति में चलना आदि अध्ययन शामिल थे। अध्ययन में पाया गया कि 164 महिलाओं में गर्भावधि मधुमेह की बीमारी विकसित हो गई थी। शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के पहले से ही व्यायाम करने वाली और अपनी सेहत का ध्यान रखने वाली महिलाओं में 21 प्रतिशत कमी दर्ज की। व्यायाम करने से शरीर मंअ ग्लूकोज चयापचय में सुधार और अतिरिक्त वजन नहीं बढ़ने से गर्भावधि मधुमेह होने की संभावना नहीं होती है।

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