हनी ट्रैप मामले में जेल की हवा खा रही आरती व श्वेता को कमाई के साथ सभी वीडियो का देना होगा हिसाब

भोपाल, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह पर तीन करोड़ रुपए की अड़ी डालने के आरोप में गिरफ्तार की गईं आरती दयाल और श्वेता विजय जैन पर शिकंजा कसता जा रहा है। पिछले दिनों लॉकरों से मिले लाखों रुपए के बाद अब एसआईटी ने दोनों से कमाई का पूरा हिसाब मांगा है। बता दें कि दोनों के लाकर में मिले 60 लाख रुपए मिले थे। अब उन्हें बताना होगा कि उनके पास इतनी रकम कहां से आई है। श्वेता के पास से एसआईटी को पांच पेन ड्राइव भी मिली हैं। उनमें किन-किन नेताओं और अफसरों के वीडियो हैं? इस बारे में भी पूछताछ की जाएगी। इंदौर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को मोनिका यादव और आरती दयाल को गिरफ्तार किया था।
दोनों ने इंदौर के इंजीनियर पर तीन करोड़ रुपए की अड़ी डाली थी और पहली किश्त लेने के लिए इंदौर गई थी। दो आरोपियों की इंदौर में गिरफ्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर भोपाल से श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद से पांचों महिलाएं जेल में बंद हैं। गिरफ्तारी के बाद मोनिका यादव के पिता ने पुलिस से शिकायत कर कहा था कि मेरी बेटी स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा है। वह पढऩे के लिए गई थी। श्वेता और आरती से उसकी मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद गिरोह के सदस्यों ने उसे अपने जाल में फंसाकर देहव्यापार में धकेल दिया। पिता की इस शिकायत पर इंदौर पुलिस ने जीरो पर मानव दुव्र्यापार (धारा-370) का मुकदमा दर्ज किया था।
जल्द होगी जेल में पूछताछ
सीआईडी ने असल कायमी कर प्रकरण की जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में यह मामला भी जांच के लिए एसआईटी को दे दिया गया है। जांच के दौरान पता चला था कि श्वेता विजय जैन और आरती दयाल का लॉकर एचडीएफसी बैंक के अशोका गार्डन ब्रांच में है। टीम गुरुवार को गई थी और पहले श्वेता का लॉकर खोला है। श्वेता के लॉकर में 47 लाख रुपए नगद, लाखों रुपए के जेवरात और पांच पेन ड्राइव मिली है। एसआईटी ने आरती का लॉकर भी खोला था। आरती के लॉकर से 13 लाख रुपए नगद मिले हैं। उस हिसाब से यह राशि तकरीबन 60 लाख रुपए होती है। इतनी राशि मिलने के बाद एसआईटी ने दोनों आरोपियों से पूछताछ करने का फैसला किया है। इसी सिलसिले में दोनों आरोपियों को टीम इंदौर जेल से लेकर भोपाल आई और उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें पांच दिन के रिमांड पर एसआईटी को सौंप दिया है। एसआईटी ने दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। अफसरों का कहना है कि उनसे पूछा जाएगा कि उनकी आय के क्या-क्या स्त्रोत हैं? उनकी मासिक और सालाना आमदनी कितनी है ।

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