हनीट्रैप कांड में श्वेता और आरती दयाल को मानव तस्करी के मामले मे CID ने 5 दिन की रिमांड पर लिया

भोपाल, हाईप्रोफाईल हनीट्रैप कांड की जांच मे लगातार तेजी आती जा रही है। ताजा घटनाक्रम मे सीआईडी ने इंदौर जिला जेल में बंद हनी ट्रेप मामले की आरोपियो आरती दयाल ओर श्वेता को भोपाल लेकर आई ओर कोर्ट मे पेश किया। गौरतलब है कि दोनो के खिलाफ मानव तस्करी का मामला भोपाल में दर्ज हुआ था, इसी प्रकरण मे आगे की छानबीन के लिये जेल में बंद आरोपी महिलाओ को सीआईडी ने कोर्ट मे पेश किया, जिसपर भोपाल कोर्ट ने श्वेता ओर आरती दयाल को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया, अदालत के आदेश के बाद अब 5 दिन तक दोनो सीआईडी की हिरासत में रहेंगी। टीम रिमांड के दौरान उनसे आगे की पुछताछ करेगी, वही मामला दर्ज कराने वाली किशोरियो के परिजनो के ब्यानो के आधार पर आरोपी महिलाओ के अन्य लिंक भी खंगाले जायेगे। गौरतलब है की शातिर ब्लेकमेलर महिलाओ पर आरोप है की उन्होने नाबालिग लडकियो को अपना काम निकालने के लिये अफसरो के पास भेजते हुए उनका यौन शोषण कराया है। रिमांड के दोरान जहॉ कई नये आरोपियो के नामो का खूलासा होने की उम्मीद है, वही सुत्रो के अनुसार ब्लैकमेलर महिलाओ और पीडीत लडकियो से पुछताछ के बाद मामले मे कई सफेदपोशो के चेहरे बेनकाब हो सकते है। सूत्रो के अनुसार हनी ट्रैप केस में एक नाबालिग लड़की से जिस्मफरोशी को लेकर 13 रसूखदार लोग फंसते नजर आ रहे हैं, इनमें नेता से लेकर अफसर तक शामिल हैं। इन लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज करने के बाद अब आगे की जांच के दौरान रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। गौरतलब है की इस हाईप्रोफाईल मामले में पकड़ी गई पांच आरोपी महिलाओं में से एक लड़की नाबालिग है, जिससे गिरोह की सरगना ने जिस्मफरोशी करायी। सूत्रो के अनुसार अधिक उम्र की शातिर आरोपी महिलाएं कम उम्र की लड़कियों की खूबसूरती का इस्तेमाल बड़े नेताओं, आईएएस, आईपीएस और कारोबारियों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए करती थीं। सीआईडी इन रंगीन मिजाज रसूखदारों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए पुख्ता सबूत जुटा रही है, अब रिमांड के दोरान कई राज उजागर होने की उम्मीद है। गोरतलब है की हनी ट्रैप मामले की जांच के दौरान उस समय नया मोड़ आ गया था, जब इंदौर पुलिस ने गिरोह में शामिल राजगढ़ की आरोपी छात्रा के पिता की शिकायत पर मानव तस्करी समेत दूसरी धाराओं में मामला दर्ज किया था। बाद मे इंदौर पुलिस ने मानव तस्करी की केस डायरी को भोपाल के अयोध्या नगर थाने को भेजी थी, मामला मानव तस्करी से जुड़े जोने की वजह से अब सीआईडी भी मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार जांच मे सामने आया की राजगढ़ की रहने वाली युवती दो वर्ष पूर्व नाबालिग थी, गिरोह की सरगना ने उसे पढ़ाई और नौकरी का लालच देकर अपने जाल में फंसाया था, लेकिन बाद में उससे जिस्मफरोशी करायी गयी। आरोपी महिलाओ ने उसे कई रसूखदारों के पास भेजकर अश्लील सीडी बनायी। सफेदपोश रसूखदारों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। ये सारी काली करतूते शातिर महिलाओ के गिरोह द्वारा किया गया हनी ट्रैप था। वही लड़की के नाबालिग होने के कारण सफेदपोश रसूखदारों का यह काला कारनामा अपराध की श्रेणी में आ गया है। पुलिस अब रिमांड के दोरान उन सारे रसूखदारों की पहचान जुटायेगी जिन्होंने उस नाबालिग छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया था। गौरतलब है की एसआईटी ने मानव तस्करी के मामले में पीड़ित छात्रा से पूछताछ की, जिसके बाद सामने आया कि गैंग की अधेड़ शातिर महिलाएं रसूखदारों को अपने जाल मे फंसाने के लिए कम उम्र की लड़कियों को अपना मोहरा बनाती थीं। कम उम्र की लड़कियों में गिरोह में शामिल ये नाबालिग छात्रा भी थी। पहले इंदौर पुलिस ने इस छात्रा को हनीट्रैप के तहत गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में गैंग की करतूत पता चलने पर पीड़ित छात्रा के पिता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया। सुत्र बताते है कि एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है, कि इंदौर नगर निगम के इंजीनियर के साथ-साथ कई आईएएस, आईपीएस, कारोबारी और राजनेता ने उस छात्रा के साथ शारीरिक संबंध बनाए।

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