लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में डेंगू को लेकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि लखनऊ के सभी सरकारी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भर चुके हैं। हालांकि सरकार ने दावा किया है कि दवाएं और इलाज मुहैया कराया जा रहा है लेकिन लखनऊ को छोड़ कर बाकी जगहों पर हालात बहुत अच्छे दिखाई नहीं दे रहें हैं। बताया गया कि सिर्फ लखनऊ के अस्पतालों में 600 से ज्यादा डेंगू और वायरल बुखार के मरीज भर्ती हैं। वहीं, सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि डेंगू से लखनऊ में तीन लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा इससे ज्यादा है। माना जाता है कि दिवाली के त्योहार के बाद डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो जाती है लेकिन अभी तक मरीजों की संख्या में बहुत ज्यादा परिवर्तन दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं, डेंगू के प्रकोप से उत्तर प्रदेश सके तेज तर्रार और सीनियर आईएएस अफसर नवनीत सहगल से लेकर कुछ सीनियर पीसीएस अफसर तक शिकार हो गए हैं। वहीं, लखनऊ के आधा दर्जन थानों के सिपाही और दो दारोगा को भी डेंगू बुखार हो गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि डेंगू के आमद का वक्त विभागीय अधिकारियों को मालूम नहीं है। बल्कि सबको पता है कि बरसात के बाद शुरू होने वाला डेंगू हर साल हजारों लोगों को अपने चपेट में लेता है। इसके बावजूद भी इससे लड़ने की तैयारियां नही की गई।
बताया जा रहा है कि सरकार ने सरकारी स्तर पर इस साल 12 विभागों की एक संयुक्त टीम बना कर डेंगू के खिलाफ अभियान चलाया है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा विभाग, उद्यान विभाग को विशेष निर्देश दिए गए थे। लेकिन सरकारी कोशिशों के बाद भी इस साल डेंगू और मौसमी बुखार को लेकर बहुत परिवर्तन दिखाई नहीं दिया है। वहीं, जानकारों ने बताया कि सरकारी कोशिशों के साथ आम जनता में जागरुकता का होना भी जरूरी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर हालांकि डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो जाएगी। इसके साथ ही लखनऊ के सीएमओ डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि लखनऊ को कुल आठ जोन में बांटकर हम लोग एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ को नोडल इंचार्ज बनाए हुए हैं। वहीं, एंटी लार्वा का छिड़काव लगातार किया जा रहा है, साथ ही फांगिग भी हो रही है। उम्मीद है कि एक हफ्ते में मरीजों की संख्या तेजी से कम होगी।
यूपी में डेंगू का कहर, राज्य भर में हजारों लोग इससे बीमार
