नई दिल्ली, देश के सबसे हाई प्रोफाइल आईएनएक्स मीडिया केस में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को स्वास्थ्य आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम जमानत की मांग थी। इस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को निर्देशित किया है कि वो चिदंबरम के इलाज के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करे। साथ ही शुक्रवार को इस संबंध में रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट में पेश करे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह भी निर्देश दिया कि पी चिदंबरम के इलाज के लिए एम्स की ओर से गठित होने वाले मेडिकल बोर्ड में उनके फैमिली डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी को भी शामिल किया जाए। चिदंबरम के स्वास्थ्य के संबंध में एम्स का मेडिकल बोर्ड आज शाम 7 बजे बैठक भी करेगा। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष याचिका पेश कर इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। पीठ ने गुरुवार को उचित अदालत के समक्ष मामले को सूचीबद्ध किया था। चिदंरबम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में अपनी मुख्य जमानत याचिका के जरिए ही अंतरिम राहत की याचिका दायर की थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को मामले में उनकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत अवधि खत्म होने पर बुधवार को निचली अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। यह मामला चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रुपये की निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितिताओं से जुड़ा है। दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को चिदंबरम की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। ईडी की ओर से एक दिन की कस्टडी और बढ़ाने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस बढ़ी हिरासत के दौरान चिदंबरम को तिहाड़ जेल में ही रहना पड़ेगा। हालांकि उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें घर का खाना खाने की छूट दे दी है। साथ ही कोर्ट ने चिदंबरम को अलग सेल में रखे जाने की मांग को भी मान लिया है।