हरियाण में जेजेपी नेता दुष्यंत क्या अपनी विधायक मां नैना चोटाला को उप मुख्‍यमंत्री बना रहे ?

नई दिल्‍ली, हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में किसी भी एक पार्टी को बहुमत न मिलने के चलते अब यहां भाजपा और जेजेपी मिलकर सरकार बना रही है। ‘मुद्दों पर सहमति’ के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) द्वारा भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात पक्‍की हो जाने के बाद अब सवाल यह है कि जेजेपी की ओर से किसी उप मुख्‍यमंत्री पद के ल‍िए आगे किया जाएगा तो इस सवाल का जवाब सामने आ गया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, बाढड़ा सीट से जेजेपी विधायक और दुष्‍यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को उप मुख्‍यमंत्री बनाया जा सकता है। दरअसल, हरियाणा की सियासत में नैना सिंह चौटाला नया नाम नहीं है। वह हरियाणा के दिग्‍गज सियासी परिवार ‘चौटाला फैमिली’ से ताल्‍लुक रखती हैं। वह इंडियन नेशनल लोकदल पूर्व नेता और जजपा संस्थापक अजय सिंह चौटाला की पत्‍नी हैं। मासूम हो कि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला शुक्रवार रात गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे, जिसके बाद इस गठबंधन का ऐलान किया गया था। गठबंधन की घोषणा करते हुए गृहमंत्री और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि हरियाणा में भाजपा और जेजेपी मिलकर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार में भाजपा का मुख्यमंत्री और जेजेपी का उप मुख्यमंत्री होगा।
अमित शाह ने कहा था, ‘आज भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं और जेजेपी के नेताओं के बीच बैठक हुई। हरियाणा की जनता ने जो जनादेश दिया है, उसको मद्देनजर रखते हुए, उस जनादेश को स्वीकार करते हुए, दोनों पार्टियों के नेताओं ने यह तय किया है कि हरियाणा के अंदर भाजपा और जेजेपी मिलकर सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकर में मुख्यमंत्री भाजपा का होगा, जबकि डिप्टी सीएम जेजेपी का होगा। कई निर्दलीय विधायकों ने इस गठबंधन को समर्थन दिया है।’ इस गठबंधन के ऐलान के साथ ही स्पष्ट हो चुका है कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे और दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं। भाजपा और जेजेपी का यह गठबंधन न्‍यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत हुआ है। जेजेपी की ओर से चुनाव प्रचार में किए गए कई वादों को भाजपा पूरा करने को तैयार हो गई है। साथ ही जेजेपी से कहा गया है कि अगले साल जनवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा को जाट वोटों का फायदा कराने में मदद करेंगे। माना जाता है कि दिल्ली में करीब 28 लाख जाट मतदाता हैं।

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