भोपाल, जिले की बैरसिया तहसील की दो महिला पटवारियों को सीधे मुख्यमंत्री से तबादले की गुहार लगाना महंगा पड़ गया। दोनों महिला पटवारी छुट्टी पर थीं और इसी दौरान तबादले के लिए गुहार लगाने मुख्यमंत्री के पास पहुंचीं थी। इसके बाद मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ उप सचिव हृदयेश श्रीवास्तव ने भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े को दोनों पटवारियों पर कार्रवाई करने के लिए चिठ्ठी लिखी थी। इस चिठ्ठी के बाद भोपाल कलेक्टर ने दोनों पटवारियों को सीधे सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने वाली दोनों महिला पटवारी क्षमा बिल्लौरे व प्रज्ञा मालवीय विगत कुछ सालों से बैरसिया में पदस्थ है। दोनों ने बैरसिया से भोपाल या कोलार तहसील में स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आवेदन दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर कलेक्टर ने दोनों को निलंबित कर दिया। महिला पटवारियों का कहना है कि सितंबर महीने में हम अवकाश पर थे, इसलिए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
इधर, कलेक्टर भोपाल का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री निवास से प्राप्त निर्देशों के आधार पर यह कार्रवाई की है। हालांकि दोनों पटवारियों को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दिया गया और सीधे निलंबन की कार्रवाई कर दी गई। निलंबित रहने तक इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। बता दें कि कलेक्टर ने यह कार्रवाई मप्र आचार नियम 1965 के नियम 1 के विपरीत आचरण किए जाने के कारण शासकीय सेवा नियम 1956(2) के तहत की है। निलंबन अवधि के दौरान दोनों को बैरसिया तहसील मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। इस बारे में भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोडे का कहना है कि इस मामले में पटवारियों को अपने निकटतम उच्च अधिकारी को सूचित करना चाहिए। एसडीएम इसका प्रतिवदेन बनाकर कलेक्टर को भेजते। इस आधार पर हम इसे पीएस तक पहुंचाते। चैनल के जरिए अगर स्थानांतरण के लिए कहा जाता तो कोई कार्रवाई नहीं होती।