मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा और शिवसेना की तकरार बढ़ गई है। भले ही दोनों दलों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं। आज मातोश्री में शिवसेना के चुने हुए विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक के बाद जो बातें निकल कर आई वह भाजपा को हैरान करने वाली है। शिवसेना ने साफ कहा है कि 50-50 फार्मूले के तहत ही सरकार का गठन होना चाहिए। शिवसेना ने ढाई साल के लिए सीएम का पद मांगा है। पार्टी ने कहा पहला जो ढाई साल होगा, वह हमारी पार्टी का होगा। शिवसेना ने कहा कि अगर अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस से लिखित आश्वासन मिला तभी जाकर हम भाजपा के साथ सरकार का गठन करेंगे।
शिवसेना की बैठक के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच तकरार और बढ़ जाने की आशंका है। हालांकि सरकार गठन के लिए अभी भी 9 नवंबर तक का समय है। दोनों दलों के बीच सरकार गठन को लेकर फिलहाल औपचारिक बैठक नहीं हुई है। ऐसे में महाराष्ट्र में क्या होता है, इसके लिए थोड़ा सा इंतजार करना पड़ेगा।
हरियाणा में भाजपा ने सरकार बनाने का गणित तो साध लिया है, लेकिन महाराष्ट्र में उसके लिए परेशानी खड़ी हो गई है। चुनाव में उसकी सहयोगी शिवसेना के नई सरकार में बराबर की हिस्सेदारी मांगने से भगवा दल के लिए संतुलन साधना बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र में साथ मिलकर चुनाव लड़ी भाजपा को 105, जबकि शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। इस तरह गठबंधन के पास बहुमत के लिए जरूरी 145 का आंकड़ा मौजूद है, लेकिन शिवसेना के बदले रुख ने सरकार गठन पर सस्पेंस पैदा कर दिया है।
कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन का दिया संकेत –
उधर, भाजपा-शिवसेना के रिश्तों में तनाव को देख महाराष्ट्र कांग्रेस ने संकेत दिया कि वह शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे सकती है। कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वाडेत्तिवार ने शनिवार को कहा, ‘गेंद भाजपा के पाले में है। शिवसेना को फैसला लेना है कि क्या वह अपना पांच साल का सीएम चाहती है या 2.5 साल के सीएम की मांग पर भाजपा की प्रतिक्रिया का इंतजार करेगी। अगर सेना हमें कोई प्रस्ताव देती है तो हम उस पर अपने आलाकमान के साथ बात करेंगे।’
इससे पहले इसी प्रकार का प्रस्ताव राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल व कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद हुसैन दलवी द्वारा दिया गया था। राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘हम से इस पर अब तक शिवसेना से कोई बातचीत नहीं हुई है। हालांकि, अगर ऐसा होता है तो हम इस मामले पर निर्णय के लिए पार्टी आलाकमान के समक्ष रखेंगे।’कांग्रेस, एनसीपी और इसके दूसरे सहयोगियों ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 117 सीटें हासिल की हैं। ऐसे में अगर शिवसेना भी साथ आ जाती है तो आकंड़ा आराम से बहुमत तक पहुंच जाएगा।