नई दिल्ली, हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है पर रुझानों का गणित दिलचस्प होता जा रहा है। महाराष्ट्र में जहां एकतरफा तस्वीर भाजपा और शिवसेना के पक्ष में दिख रही है तो वहीं, दिल्ली के पड़ोसी राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। ’75 पार’ का नारा देने वाली भाजपा सबसे ज्यादा 38 से 40 सीटों पर आगे चल रही है पर कांग्रेस (31) उसे कड़ी टक्कर दे रही है। इन सबके बीच खास बात यह है कि जाटों की राजनीति करने वाली नई बनी जननायक जनता पार्टी का प्रदर्शन शानदार दिख रहा है और पार्टी चीफ दुष्यंत चौटाला किंगमेकर की भूमिका में उभरे हैं। अब तक मिले अनुमानों के मुताबिक जेजेपी को 11 सीटों पर बढ़त मिल चुकी है। वहीं 6 सीटें अन्य को मिल सकती हैं। इस बीच भाजपा की तरफ से अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी सक्रिय हो गए हैं। भूपेंदर सिंह हुड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है और पार्टी हाईकमान ने उन्हें खुद फैसला लेने की छूट दे दी है। टीवी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के बहुमत के आंकड़े से दूर रहने के रुझानों को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दिल्ली बुला लिया है।
भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जेजेपी को मनाने की है, जिससे वह आसानी से सरकार बनाने की स्थिति में आ सके। उधर, जेजेपी का भाजपा के साथ जाना आसान नहीं होगा क्योंकि जाटों ने भाजपा के खिलाफ उसे वोट किया है। ऐसे में जनता की भावनाओं को भी ध्यान में रखना होगा। हरियाणा में भाजपा ने टारगेट 75 पार का दिया था लेकिन पार्टी 35 पार होने को लेकर जूझ रही है। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व हरियाणा के सीएम से नाराज हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम में हरियाणा चुनाव को लेकर बैठक हो सकती है। दूसरी स्थिति कांग्रेस और जेजेपी के बीच सियासी समीकरण बनाने की है। हरियाणा में जादुई आंकड़ा 46 का है। अब तक के अनुमान के मुताबिक अगर कांग्रेस को 31 सीटें मिलती हैं तो उसे 15 सीटों को साधना होगा। अगर जेजेपी कांग्रेस को समर्थन देने को राजी होती है तो कांग्रेस के सरकार बनाने की संभावना बढ़ सकती है। फिलहाल भाजपा और कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया है और लगातार नेताओं से बातचीत का दौर जारी है।
खबरों में तो यह भी कहा जा रहा है कि जेजेपी के दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जो भी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी ऑफर करेगी, वह उस पार्टी के साथ अलायंस को तैयार हैं। खबर है कि भाजपा ने अपने प्लान-बी पर भी काम शुरू कर दिया है। हरियाणा में अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए भाजपा ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को आगे किया है, जिससे कांग्रेस के समीकरण को ध्वस्त किया जा सके। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि अगर भाजपा बहुमत से दूर रह जाती है तो प्रकाश सिंह बादल को डील के लिए आगे किया जा सकता है। दरअसल, प्रकाश सिंह बादल के दुष्यंत चौटाला के परिवार से दोस्ताना संबंध रहे हैं।
हरियाणा में सत्ता के लिए फंसा पेंच, दिल्ली में शाह-सोनिया सक्रिय हुए
