यूपी विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा ने 11 में से 7 सीटें जीतीं, रामपुर से आजम की पत्नी तंजीन फातिमा जीती

लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के सभी नतीजे आ गए हैं। भाजपा के खाते में 7 सीटें आईं हैं, हालांकि इन 11 सीटों में 10 सीट भाजपा के पास थी। यानी की पार्टी को 4 सीटों का नुकसान हो रहा है। निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा ने सात सीटों इगलास, लखनऊ कैंट, मानिकपुर, गोविंदपुर, घोसी और बलहा सीटों पर जीत दर्ज की है। रामपुर सीट के उपचुनाव में क्षेत्रीय सांसद आजम खान की पत्नी सपा प्रत्याशी तजीन फातिमा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के भारत भूषण पर जीत दर्ज की है। जैदपुर सीट से सपा के गौरव कुमार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अंबरीश से जीत गए हैं। गंगोह सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के कीरत सिंह से आगे रहे । जलालपुर सीट से सपा के सुभाष राय ने बसपा प्रत्याशी छाया वर्मा को पराजित किया। बसपा ने पहली बार उपचुनाव लड़ा है।
भले ही इस चुनाव में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ने प्रचार नहीं किया हो, पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी सीटों पर प्रचार किया। भाजपा को उम्मीद थी की वह रामपुर छोड़कर बाकी के सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी जो होता दिख नहीं रहा है। महेंद्र नाथ पांडे के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद से स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। यह उपचुनाव स्वतंत्र देव सिंह के लिए भी अग्नि परीक्षा थी। पार्टी को उम्मीद थी कि योगी आदित्यनाथ के दम पर यह सभी सीटों को वो जीत सकती है। योगी आदित्यनाथ ने भी प्रचार में पूरा दमखम लगाया था। पर कहीं ना कहीं कुछ सीटों पर रणनीतिक चूक ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया है।
सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान का दम एक बार फिर से क्षेत्र में दिखा है। आजम खान के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई रामपुर की सीट पर उनकी पत्नी ने ताल ठोका था। आजम खान के हालिया बयानों से ऐसा लग रहा था कि यहा सपा का सफाया हो सकता हैं पर रामपुर में आजम का गणित ऐसा है कि कोई भी दूसरा दल वहां जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो पाता। भाजपा ने अपने उम्मीदवार जरूर उतारे थे। प्रचार में भी दमखम लगाया था पर यह सीट उसके हाथ से निकलती जा रही है। इन दिनों आजम खान के ऊपर भ्रष्टाचार के भी खूब आरोप लगे थे। भाजपा को उम्मीद थी कि हो सकता है आजम खान की छवि खराब हो और उसका चुनावी फायदा पार्टी को मिले। पर यह भी नहीं हुआ। रामपुर एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है जहां सपा के साथ-साथ आजम खान का भी अपना दबदबा है।

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