झाबुआ,मध्य प्रदेश के झाबुआ में लंबी मतगणना के बाद अंतिम नतीजे आ चुके हैं। इसमें कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने बीजेपी के भानु भूरिया को 27 हजार 925 वोटों से मात देते हुए झाबुआ उपचुनाव जीत लिया हैं। इस दौरान कांतिलाल को 95,741 तो बीजेपी प्रत्याशी भानु भूरिया को कुल 67,984 वोट मिले। वहीं, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह और कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस हार को स्वीकार कर लिया है। दोनों भाजपाई नेताओं का कहना है कि झाबुआ कांग्रेस का गढ़ है। गौरतलब है कि बीजेपी विधायक जी एस डामोर के सांसद बनने के बाद झाबुआ विधानसभा की सीट खाली हो गई थी। दरअसल, डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इसी सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे को हराया था, जबकि लोकसभा चुनाव में उन्होंने खुद कांतिलाल भूरिया को ही हरा दिया। परंतु इस बार कांतिलाल ने अपनी हार का बदला लेते हुए बीजेपी के उम्मीदवार भानु भूरिया को बड़े अंतर से मात दी।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को बधाई देते हुए एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, उन्होंने लिखा है कि ‘झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पर कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भुरिया को बहुत-बहुत बधाई। क्षेत्र के मतदाताओं व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार। क्षेत्र की जनता ने भाजपा के झूठ,फरेब,जुमलों को नकारकर कांग्रेस की रीति-नीतियो व कांग्रेस सरकार के जनहित के कार्यों पर मुहर लगायी है। यह झाबुआ की जनता की ओर से दिया गया दीपावली का तोहफ़ा है। उनहोंने कहा कि चुनाव में जनता से किये सभी वादों को पूरा कर हम झाबुआ की तस्वीर बदलेंगे, यह हमारा संकल्प है। इस जीत ने हमें और मज़बूती प्रदान की है। जनता के विश्वास पर खरे उतरकर हम और ताक़त से प्रदेश में विकास की गंगा बहायेंगे। बता दें कि झाबुआ विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यह कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा भी कहती आई है। हालांकि इस बार बीजेपी की शीर्ष नेतृत्व ने झाबुआ में जमकर पसीना बहाया, परंतु सियासत के मैदान में किसी एक की हार निश्चित है, जिसमें बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा।
झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल ने भाजपा के भानू भूरिया को बड़े अंतर से हराया
