लंदन, तोहफे में मिले फूलों की खूशी इनके सूखने के साथ ही खत्म हो जाती है। ऐसे में मजबूरन हम सभी को इसे फेंकना ही पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये फूल भी बेकार नहीं हैं, इनसे भी गज़ब की चीज़ें बनाई जा सकती है। बशर्ते वह सूखने के बाद काले न पड़ें या उनमें फंगस न लगे। सूखे फूलों से गुलदस्ते, कार्ड और बुके बनाए जा सकते हैं। दरअसल, फूलों को कुदरती तरीके से सुखाने की तकनीक विकसित करने पर इन्हें महीनों, सालों तक घरों में सजाया जा सकता है। बता दें कि फूलों को हवा में सुखाने की इस प्रक्रिया को डिहाइड्रेशन कहते हैं, जिससे उनकी नमी इस तरह निकती है कि उनकी कुदरती अवस्था ज्यों की त्यों बनी रहती है। जब वे रखे रखे सूखते हैं, तब ऑक्सीडेटिव प्रक्रिया से वे काले पड़ जाते हैं। स्ट्रा फूल, पेपर फूल, स्टैटिस, को सामान्य तापमान या हवा में कम नमी में भी सूखाएं जाएं तो वो काले नहीं पड़ते।
फूल को रस्सी या तार से बांध कर उलटा लटका दें और जब तक वह पूरी तरह सूख नहीं जाएं, उसे उसी अवस्था में रहने दें। ध्यान रखें हवा का आवागमन पर्याप्त हो। इस प्रक्रिया में स्ट्रा फूल, पेपर फूल, स्टैटिस और बोगनबेलिया को सुखाएं। बहुत से फूल ऐसे होते हैं, जिन्हें खुला उलटा लटका कर सुखाने से उन की पंखुड़ियां व पत्तियां सिकुड़ जाती हैं और खूबसूरती खत्म हो जाती है। ऐसे फूलों को ‘दबा कर माध्यम’ के तहत सुखाया जाता है।
फूल दबाने के लिए किसी भी किस्म के बरतन जैसे ऐल्युमिनियम, टिन, लोहे, कांच, मिट्टी या चीनी मिट्टी वगैरह के इस्तेमाल किए जा सकते हैं। बरतन में 3 से 5 सैंटीमीटर पहले माध्यम को डाले। फिर फूल को एक हाथ से ऊपर उठा कर पकड़ें व दूसरे हाथ से धीरेधीरे माध्यम डालते रहें। बरतन को कमरे में रखें या रोजाना दिन के समय धूप में सुखाएं। फूलों को शीशे या प्लास्टिक के बरतनों में 2 से 5 मिनट तक मीडियम या 450 से 750 हर्ट्स पर 2-3 बार क्रमवार सुखाएं और बरतन को कमरे में 5 से 10 घंटे रखे रहने दें। इसके बाद कार्ड या सजावटी सीनरी बनाने के लिए फूलपत्तियों को हरबेरियम प्रेस में सुखाया जाता है। फूल पत्तियां काली या भूरी न हों, इस के लिए उन्हें रोजाना अपनी जगह से बदल कर रखें।