इंदौर, लोकायुक्त छापों में अरबपति निकले आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त आलोक खरे के इंदौर स्थित फ्लैट की सर्चिंग गुरुवार सुबह की गई। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद से ही यहां पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। आलोक खरे को लोकायुक्त की टीम भोपाल से लेकर इंदौर पहुंची थी। इसकी चाबी नहीं होने पर फ्लैट नहीं खोला जा सका था। अधिकारियों के मुताबिक, ग्रैंड एक्जोटिका में 10 वीं मंजिल पर स्थित फ्लैट खरे ने 30 हजार रु. महीने में किराए से ले रखा है, लेकिन वह यहां तीन दिन ही रहता था। इस इमारत के सभी फ्लैटों में परिवार रहते हैं। काफी लोगों को कल ही जानकारी मिल गई थी। लेकिन खरे के यहां कम रहने के कारण लोग उनसे परिचित नहीं थे। वह आसपास के लोगों से भी कम मेलजोल रखता था। बुधवार को कई लोग उसके फ्लैट को देखने आए। उसके गेट पर पड़े अखबार उसी के कारनामों से भरे थे।
इंदौर के कार्यालय में सन्नाटा, खरे के केबिन पर लगा रहा ताला
प्रशासनिक संकुल स्थित आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त आलोक खरे के यहां लोकायुक्त छापे के दूसरे दिन बुधवार को कार्यालय में सन्नाटा पसरा था तो वहीं उनके कक्ष पर ताला लगा रहा। छापे के दौरान लोकायुक्त टीम ने कुछ फाइलें जब्त की हैं। कार्यालय में जो अधिकारी मौजूद थे, उनके चेहरे पर मायूसी थी। सहायक आयुक्त खरे की गैर मौजूदगी में सहायक जिला आबकारी अधिकारी समरप्रीत सिंह बैस कार्यालय के नियमित काम देख रहे थे। इस तरह के छापे के बाद लोकायुक्त की ओर से संबंधित विभाग को पत्र भेजा जाता है। जिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होती है, उसे वहां से हटा दिया जाता है। आबकारी के ग्वालियर मुख्यालय के आला अधिकारियों का कहना है कि लोकायुक्त का पत्र मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
देर रात खुले रहने वाले पब संचालकों पर था मेहरबान
आलोक खरे को महंगे कुत्ते पालने व उन्हें आइसक्रीम खिलाने का शौक है। महंगे होटलों में पार्टियां करना खरे का शगल रहा है। इंदौर में पब संचालकों पर उसकी मेहरबानी रही। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने देर रात तक खुले रहने वाले पबों पर कार्रवाई के लिए कहा तब भी आबकारी अमला सुस्त बना रहा। एसएसपी के निर्देश के बाद पुलिस की टीम रात में कार्रवाई के लिए निकलती थी, लेकिन आबकारी विभाग का पूरे मन से सहयोग नहीं मिला।