जबलपुर, राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा संस्थान ऑल इंडिया इस्टीट्यूट ऑफ मेडीकल सांइसेंस (एम्स) में नौकरी दिलाने के नाम पर बेराजगार युवतियों को ठगने वाले गिरोह को स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने भोपाल में धर दबोचा पूरी जांच पड़ताल के बाद एसटीएफ ने इस गिरोह के मास्टर मांइड जबलपुर निवासी दिलशाद को उस वक्त दबोचा लिया जब वह इंदौर से भोपाल आ रहा था। टीम में उसके एक साथी आलोक कुमार बामने को भी गिरफ्तार किया है। यह गिरोह एम्स स्टाफ में नौकरी लगाने के नाम पर लगभग करोड़ों रुपयों की रकम ऐंठ चुका है। एसटीएफ को उसके एक साथी धर्मानंद की अभी तलाश है। पूछताछ में कई रहस्य उजागर हो रहे है।
दिलशाद ने की पांच शादियां
एसटीएफ की पूछताछ में यह राज उजागर हुआ है कि दिलशाद ने पांच शादियां की उसकी एक बीवी भोपाल में और चार बीवियां जबलपुर में रहती है। बताया गया है कि चौथी बीवी ने बीएएमएस की डिग्री कर रखी है और वह जबलपुर के आदर्श नगर में खुद का अस्पताल चलाती है। इस अस्पताल के बारे में एसटीएफ पूरी जानकारी जुटा रही है।
अब तक करोड़ों की ठगी
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक इस ठग गिरोह का सरगना दिलशाद और आलोक बामने व धर्मानंद के साथ मिलकर 50 से अधिक युवतियों से करोडों रुपयों की ठगी कर चुका है। एम्स में स्टाफ नर्स की नौकरी लगाने के नाम पर एक-एक युवतियों से 4 से 6 लाख रुपये तक लिये गये। ठग गिरोह ने अपना मायाजाल बिछा रखा था। वहीं नौकरी की लालच में इस गिरोह के झांसे में युवतियां आ जाती थी। इसके बाद वह फर्जी नियुक्ति पत्र पकड़ा देता था। ऐसे ही एक फर्जी नियुक्ति पत्र से इस मामलें का घोटाला खुला।