लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार 25,000 होमगार्डों को नौकरी से निकालने का अपना फैसला टाल दिया है। चौतरफा आलोचना ने बीच प्रदेश के सैनिक कल्याण और होमगार्ड्स मंत्री चेतन चौहान ने कहा है कि किसी भी होमगार्ड की किसी भी परिस्थिति में नौकरी नहीं जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के किसी भी होमगार्ड जवान को नहीं निकाला जाएगा, निकृष्टतम परिस्थितियों में भी नहीं। हालांकि उन्होंने होमगार्ड्स की ड्यूटी में कटौती की बात से इनकार नहीं किया। उन्होंने आगे लिखा कि जहां तक ड्यूटी समय की बात है, तो वह शासन की जरूरतों पर निर्भर होता है। सरकार के अलग-अलग विभागों की जरूरत से ही होमगार्ड्स की ड्यूटियां तय होती हैं।
सरकार ने दलील थी कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित नए भत्तों का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। होमगार्ड का दैनिक भत्ता अब बढ़कर 672 रुपये हो गया है, जो शीर्ष अदालत के जुलाई के आदेश से पहले 500 रुपये था। सरकार ने कहा कि इससे राजकोष पर हर महीने दस से 12 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। देर शाम सरकार ने इस मुद्दे पर अपने रुख में बदलाव किया और प्रदेश के होमगार्ड विभाग के मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि पुलिस विभाग अगर 25 हजार होमगार्डों को हटा रहा है तो होमगार्ड विभाग उन्हें कहीं न कहीं लगा देगा, हो सकता उनके काम के दिन कम हो जाएं। हमने पुलिस विभाग से भी कहा है कि आप भले ही इनके काम के दिन कम कर दें लेकिन इन्हें रखे रहें, इन्हें निकाले नहीं। मान लीजिए पहले होमगार्ड को 20-25 दिन काम मिलता था, अब 15 से 20 दिन काम दे दें। किसी को भी हटाया नहीं जाएगा, इसके लिए मैंने पुलिस विभाग के साथ-साथ अपने विभाग से भी कह दिया है।