शारदा और धनकशा खदानों की 8 नवम्बर को हो रही शुरूआत

छिंदवाड़ा, लगातार घटते ही जा रहे कोयला उत्पादन का दंश सहते आ रहे वेकोलि कन्हान क्षेत्र के अच्छी खबर यह आई है कि, केंद्रिय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी कन्हान क्षेत्र की दो खदानों की खुदाई का शुभारंभ कराने 8 नवम्बर को कन्हान क्षेत्र में आ रहे है। बीएमएस के आला सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 8 नवम्बर को आकर कन्हान क्षेत्र के उपक्षेत्र अम्बाड़ा में आधुनिक पद्धति से इन खदानों में खुदाई शुरू करवाएंगे, उन्होंने इसकी विधिवत सहमति दे दी है। इसी क्रम में पेंच क्षेत्र की जमुनिया खदान में पूर्व से शुरू खुदाई का कार्य काफी धीमी गति से चलने की जानकारी भी सामने लाई गई है। यहां उल्लेख जरूरी होगा कि शारदा खदान का भूमिपूजन तीन बार और धनकशा खदान का दो बार पूर्व में किया जा चुका है। इसके बावजूद इनके आरंभ किए जाने की वर्षो से प्रतीक्षा ही की जा रही है। शारदा खदान का उद्घाटन हुए 16 वर्ष की लम्बी अवधि बीत जाने के बावजूद इसके शुभारंभ का अवसर अब तक नही आया है। आम चुनाव के पूर्व तत्कालन कोयलामंत्री पीयूष गोयल ने छह खदाने खोलने की घोषणा जरूर की थी ये सभी खदाने छह छह महिनों के अंतराल में खोली जानी थी किंतु अब तक एक भी खदान नही खुलने से कोयला उत्पादन का ग्राफ काफी नीचे आया है और लगातार दोनों क्षेत्रों में मन पावर घटते घटते हासिए पर आग गया है और वेकोलि पेंच और कन्हान क्षेत्र का घाटा बढ़ता ही जा रहा है। कायेलांचल के नाम से विख्यात इन क्षेत्रों की रौनक भी चौपट होती जा रही है। व्यापारी और क्षेत्र के नागरिक खदान क्षेत्रों से पलायन कर अन्य शहरों की ओर जाकर बस रहे है। हालात ऐसे बन गए है कि जल्द ही खदानें नहीं खुली तो, कोयलांचल के वीरान होने के हालात को रोका नहीं जा सकता है और जो लोग अब भी फिर रौनक लौटकर आने की उम्मीद मेें टिके हुए है वे भी रोजगार की तलाश में अन्यत्र जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री को भी बुलाने की कोशिश
8 नवम्बर को होने जा रहे दो खदानों के शुभारंभ कार्यक्रम में कोयला मंत्री अपने आगमन की सहमति दे दी है किंतु मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अब तक अपने आगमन की सहमति नहीं दी है। वेकोलि के आला धिकारी उन्हे भी शामिल कराने के लिए प्रयासरत है इंटक भी इसकी कोशिश कर रही है।
कोलवांशरी में चल रही एक ही शिफ्ट
सांसद कमलनाथ के प्रयासों से 90 के दशक में शुरू कराई गई रसियन कोलिएशन से प्रदेश की दूसरी कोलवासरी अच्छी क्वालिटी के कोयले की कमी के कारण चार शिफ्टों के बजाए अब एक ही शिफ्ट चल रही है, उसके लिए भी पर्याप्त कायला क्षेत्र मेंं उपलब्ध नहीं कराया जा सक रहा है।

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