स्विस बैंक में भारतीयों के जमा काले धन की जानकारी का पहला विवरण भारत को सौंपा गया

नई दिल्ली, ब्लैकमनी यानि काले धन को लेकर भारत को एक बड़ी कामयाबी मिली है। स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काले धन से जुड़ा पहला विवरण स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंप दिया है। स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत ये सूचनाएं भारत को उपलब्ध कराई हैं। एफटीए के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत उन 75 देशों की सूची में शामिल है, जिसके साथ स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने एईओआई पर ग्लोबल स्टैंडर्ड्स फ्रेमवर्क के तहत फाइनैंशल अकाउंट्स पर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है।
स्विस बैंक में धन जमा करने वाले देशों की सूची में भारत दुनियाभर में 74वें पायदान पर है, जबकि ब्रिटेन ने इस सूची में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। स्विट्जरलैंड स्थित बैंक द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले साल भारत 15 पायदान की छलांग के साथ सूची में 73वें स्थान पर था। स्विस बैंक में धन जमा करने वालों की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर अमेरिका, तीसरे स्थान पर वेस्ट इंडीज, चौथे स्थान पर फ्रांस तथा पांचवें स्थान पर हॉन्गकांग है। इस बैंक में जमा 50फीसदी से अधिक धन इन्हीं पांचों देशों के लोगों का है। बैंक में जमा लगभग दो तिहाई धन सूची में शामिल शीर्ष 10 देशों के लोगों का है। टॉप 10 देशों के अन्य देशों में बहामास, जर्मनी, लक्जमबर्ग, कायमान आइलैंड्स और सिंगापुर शामिल हैं। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा जमा रकम 2018 में लगभग छह फीसदी घटकर 6,757 करोड़ रुपये रही थी। बीते दो दशक में जमा रकम का यह दूसरा निचला स्तर है। साल 2018 में तमाम विदेशी ग्राहकों द्वारा स्विस बैंक में जमा रकम चार फीसदी से ज्यादा घटकर 99 लाख करोड़ रुपये रही। बैंक फॉर इंटरनैशनल सैटलमेंट (बीआईएस) के ‘लोकेशनल बैंकिंग स्टैटिस्टिक्स’ के मुताबिक, साल 2018 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा रकम में 11 फीसदी की गिरावट आई है।

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