वाल्टेयर और रूसो की विचारधारा से ही भारत में बड़े राजनीतिक बदलाव संभव-काटजू

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने कहा कि देश में बड़े राजनीतिक बदलावों के लिए वाल्टेयर और रूसो की विचारधारा वक्त की जरूरत है। काटजू ने अपनी किताब ‘द शेप ऑफ थिंग्स टू कम : एन इम्पैशंड व्यू’ ये बात कही। काटजू ने लिखा, भारत के सामंती विचारों और रीति-रिवाजों के खिलाफ विचारों के दायरे में शक्तिशाली हमले की जरूरत है, ताकि सदियों से चली आ रही सामंती और तर्कहीन गंदगी और झूठ को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह देशभक्त और आधुनिक विचारों वाले बुद्धिजीवियों की जिम्मेदारी बनती है कि वह इन रूढ़िवादी विचारधाराओं पर हमला करें। किताब के एक पाठ में काटजू ने सवाल किया, हमारे वाल्टेयर और रूसो कहां हैं? उन्होंने लिखा देश में बुद्धिजीवियों का अकाल है। अब शरत चंद्र चट्टोपाध्याय, प्रेमचंद, काजी नजरुल इस्लाम, सुब्रमण्या भारती, फैज, मंटो जैसे बड़े कलमकार आने क्यों बंद हो गए? उन्होंने लिखा की हमारा लक्ष्य भारत को उच्च औद्योगिक और समृद्ध देश बनाना होना चाहिए। जिसके सभी नागरिक पश्चिमी देशों की तरह उच्च जीवन स्तर का आनंद ले सकें, लेकिन वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए, यह बहुत जरूरी लक्ष्य अब तक क्षितिज से दूर दिखाई देता है। इसके लिए बड़े बदलाव की जरूरत है। इसके अलावा काटजू ने अर्थव्यवस्था, राजनीति, न्यायपालिका, धर्म व कश्मीर मुद्दे पर भी लिखा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *