भोपाल, पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिलने और त्योहार नजदीक होने से प्रोफेसर समेत सरकारी कॉलेजों का पूरा स्टाफ राज्य सरकार से नाराज हो गया है। साथ ही जल्द ही हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दे रहा है। प्रदेश के करीब 112 सरकारी कॉलेज के स्टाफ को तो अगस्त का ही वेतन नहीं मिल पाया है। इसकी वजह बताई जा रही है कि उच्च शिक्षा विभाग के वेतन मद में तो रुपए हैं, लेकिन डीए मद में सिर्फ 370 रुपए ही बचे हैं। सरकारी कॉलेजों के प्यून से लेकर प्रिंसिपल तक का सितंबर का वेतन अटक गया है। इसके अलावा अतिथि विद्वानों की स्थिति तो और भी खराब हो गई है। उन्हें पहले ही छह महीने से वेतन नहीं मिल रहा था। ऐसे में पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है। अब तक 200 कॉलेजों के स्टाफ को अगस्त, सितंबर का वहीं 312 कॉलेज के स्टाफ को सितंबर का वेतन नहीं मिला है।
उच्च शिक्षा विभाग के वेतन मद में 100 करोड़ से ज्यादा की राशि मौजूद है। लेकिन डीए मद में राशि नहीं होने से वेतन रोक दिया गया है। यदि वेतन मद से कुछ राशि वित्त विभाग के अधिकारी ट्रांसफर कर दें तो सभी का वेतन जारी हो सकता है। इस बारे में महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ अध्यक्ष डॉ. कैलाश त्यागी का कहना है कि कुछ कॉलेजों के स्टाफ को दो महीने तो कुछ को एक महीने का वेतन नहीं मिला है। अतिथि विद्वानों की स्थिति तो और भी खराब हो गई है। वित्त विभाग के अधिकारी बिना वजह अनदेखी कर रहे हैं। इससे वेतन अटक गया है। अब जल्द ही वेतन जारी नहीं किया जाता है तो कॉलेजों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
एमपी में सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसरों व स्टाफ का वेतन रुका, हड़ताल की चेतावनी
