लखनऊ,सहारनपुर खनन घोटाले में आरोपित आईएएस अजय कुमार सिंह और पवन कुमार को सरकार ने उनके पदों से हटाकर वेटिंग में डाल दिया है। बताया जाता है कि अजय खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग में सचिव थे, जबकि पवन आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे। इस पर कहा जा रहा है कि सीबीआई के बाद अब ईडी अजय और पवन कुमार पर शिकंजा कसेगी। दरअसल, सीबीआई ने 11 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। जिसके अंर्तगत लखनऊ में अजय और पवन के यहां भी छापेमारी हुई। जिसमें अजय के घर से 15 लाख कैश व अन्य के यहां से खनन घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके बाद सीबीआई ने आईएएस अजय और पवन के खिलाफ खनन घोटाले में एफआईआर दर्ज किया था। हालांकि ये दोनों सहारनपुर में 2012 से 2016 तक बतौर जिलाधिकारी तैनात थे। जिसमें दोनों ने सहारनपुर के जिलाधिकारी रहते हुए अवैध रूप से खनन पट्टे जारी किए थे। हालांकि अब सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय भी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूछताछ करेगा। इसमें इन अफसरों के अलावा आईएएस बी चंद्रकला, अभय कुमार सिंह, विवेक, देवी शरण उपाध्याय, संतोष कुमार राय और जीवेश नंदन के खिलाफ भी सीबीआई एफआईआर दर्ज कर चुकी है। इन पर फतेहपुर, हमीरपुर, देवरिया, शामली और कौशांबी में नियुक्ति के दौरान हुए खनन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर रहा है। सीबीआइ ने पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर हमीरपुर, शामली, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर व अन्य जिलों में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन में धांधली की शिकायतों पर मार्च 2017 में सात प्रारंभिक जांच दर्ज की गई। जिसमें सीबीआइ दिल्ली ने हमीरपुर में हुई धांधली के मामले में आरोपित तत्कालीन डीएम हमीरपुर बी.चंद्रकला अन्य के खिलाफ भी केस दर्ज किया था, जिसके बाद सीबीआइ ने सहारनपुर, फतेहपुर व देवरिया समेत चार जिलों में अवैध खनन के मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किये थे।