न्यूयार्क, एक्सपर्ट्स की मानें तो एक सप्ताह से ज्यादा समय तक एक ही बेडशीट का इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया और जर्म्स के पनपने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लिहाजा एक वीक का समय बहुत है और 7 दिन के बाद हर हाल में बेडशीट को बदलकर उसे धो देना चाहिए। गंदी बेडशीट पर सोने से न सिर्फ इंफेक्शन और ऐलर्जिक रिऐक्शन होने का खतरा रहता है बल्कि बिस्तर में पनपने वाले कीड़े और खटमल का ब्रीडिंग ग्राउंड भी बन सकता है। यूके में हुए एक सर्वे की मानें तो सिर्फ 28 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो हर सप्ताह नियमित रूप से अपनी बिस्तर की चादर बदलते हैं। जबकी 40 प्रतिशत लोग 15 दिन में एक बार, 24 प्रतिशत लोग 2 से 3 सप्ताह में एक बार जबकी 8 प्रतिशत लोग महीने में एक बार अपने बिस्तर की बेडशीट बदलते हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो बेडशीट पर हमारे शरीर का पसीना, बॉडी फ्लूइड जैसे- सलाइवा, ऑइल, यूरीन और सेक्शुअल फ्लूइड भी गिरता है। ऐसे में लंबे समय तक इन चीजों के साथ सोने से निश्चित तौर पर इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। लिहाजा नियमित रूप से बेडशीट बदलना बेहद जरूरी है। इसमें कोई शक नहीं कि हर दिन की भागदौड़ की वजह से हम अक्सर उन छोटी-छोटी बातों को इग्नोर कर देते हैं जो हमारी सेहत से जुड़ी होती हैं और फिर वही बातें बाद में बड़ी होकर हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। खाना खाने से पहले हाथ धोना, दिन में दो बार ब्रश करना, नियमित रूप से अपने कपड़ों को धोना और घर की साफ-सफाई करना, ये कुछ ऐसी आदते हैं जिनका अगर हम सही तरीके से पालन करें तो कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचा जा सकता है।