नई दिल्ली, मानसून की वापसी में देरी के बीच देश के विभिन्न राज्यों में बारिश का कहर जारी है। पिछले चार दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुई। बिहार में लगातार बारिश ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है, राजधानी पटना के लगभग सभी क्षेत्रों में पानी भर गया है और दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं। बारिश के कारण बिहार में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है। 1975 में पटना में जो बाढ़ आई थी ठीक वैसा ही नजारा आज राजेंद्रनगर में दिख रहा है। 1996-97 में राजेंद्रनगर में नाव चली थी, लेकिन इतना पानी किसी ने नहीं देखा था। पूरा शहर एक बड़ी झील में तब्दील हो गया है।
यूपी में चार दिन में 93 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश में गुरुवार से अब तक कम से कम 93 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को 14 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले शनिवार को 25 और शुक्रवार को 18 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले के दिनों में 36 लोगों की मौत हुई। केंद्रीय जल आयोग के अपर गंगा बेसिन संगठन, लखनऊ ने कहा कि घाघरा और शारदा नदी कई स्थानों पर सामान्य जल स्तर से ऊपर बह रही हैं।
अन्य राज्यों में भी कहर
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात में, सौराष्ट्र क्षेत्र के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद रविवार को राजकोट जिले में भीषण बाढ़ के कारण कार के बह जाने से तीन महिलाएं डूब गईं। उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में शनिवार को भारी बारिश के कारण हुई घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई। वहीं, अधिकारियों ने रविवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास बीएसएफ के 54 वर्षीय एक उप निरीक्षक के डूबने की आशंका है। वह बल की 36 वीं बटालियन से थे।
बिहार में जलप्रलय, 24 घंटे होंगे और भी मुश्किल
चार दिनों से लगातार हो रही आफत की बारिश राजधानी पटना समेत पूरे सूबे पर कहर बनकर टूटा है। जनजीवन ठहर गया है। उत्तर बिहार, पूर्व बिहार समेत राज्य के हर क्षेत्र में हो रही तेज बारिश से स्थिति हर क्षण विकट होती जा रही है। अब तक अलग-अलग जगहों पर हुई घटनाओं में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पटना में सात मौतें हुई हैं। इनमें भागलपुर में 12 और अन्य जिलों में पांच जानें गई हैं। हालत यह है कि राज्य की बड़ी से ज्यादा उफान छोटी नदियों में है। छोटी नदियां तीन दर्जन स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं, गंगा के घटने का रफ्तार तो थमा है, लेकिन, पुनपुन और सोन उफना गई हैं। पटना में स्थिति और भी भयावह है। पटना में जलप्रलय जैसे हालात हैं, जिसकी वजह से लोग पानी पीने को तरसते दिखे। बारिश के कारण मगध विश्वविद्यालय की स्नातक तृतीय वर्ष और पाटलिपुत्रा विवि की बीएड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई है। वहीं, पटना के स्कूलों में अगले आदेश तक छुट्टी कर दी गई है।