नई दिल्ली,दूसरे कार्यकाल के चौथे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य, पर्यावरण, देश में स्त्रियों की दशा से लेकर सामाजिक सुरक्षा, नशामुक्ति और सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति की जरूरत समेत अनेक विषयों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा दुनिया तेजी से बदल रही है। नए भारत के निर्माण के लिए हमें नए सिरे से प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। इस अवसर पर उन्होंने बेटियों के सम्मान में ‘सेल्फी विद डॉटर’ की तर्ज पर सोशल मीडिया में ‘भारत की लक्ष्मी’ अभियान चलाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि त्योहारों का असली आनंद वंचित और अभावग्रस्त लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना है, उनके जीवन से अंधेरा को दूर करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने दिवाली में लक्ष्मी पूजा का जिक्र करते हुए देशवासियों से ‘भारत की लक्ष्मी’ अभियान चलाने की अपील की। उन्होंने लोगों से अपील की कि बेटियों के सम्मान में सोशल मीडिया पर सेल्फी विद डॉटर की तर्ज पर ‘भारत की लक्ष्मी’ अभियान चलाएं।
सिस्टर थ्रेसिया को संत का दर्जा मिलना गर्व की बात
नवरात्रि की शुभकामना देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा त्योहारों का असली आनंद तभी है, जब किसी भी घर में अंधेरा न रहे और हर चेहरे पर मुस्कान हो। इस अवसर पर उन्होंने सिस्टर मरियम थ्रेसिया की मानवता के लिए की गई सेवाओं को भी याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिस्टर थ्रेसिया को संत का दर्जा मिलने वाला है, जो देश के लिए गर्व की बात है।
संकल्प से जीता जा सकता है जहान
उन्होंने कहा कि संकल्प में बहुत बड़ी ताकत होती है। अगर हम देश के विकास का सामूहिक संकल्प लें, तो बड़ी से बड़ी बाधा भी देश के विकास की गति नहीं रोक सकती। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के साथ फोन पर बातचीत को सुनाया। ‘मन की बात’ के प्रसारण से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया कि इस बार उनके साथ एक खास मेहमान भी होंगे। इसके बाद सबके मन में यह जानने की इच्छा थी कि आखिर यह खास मेहमान है कौन। जब कार्यक्रम का प्रसारण हुआ तो शुरुआत में ही प्रधानमंत्री ने उस खास मेहमान का जिक्र किया। यह मेहमान कोई और नहीं बल्कि महान गायिका लता मंगेशकर निकलीं। 28 सितंबर को 90 साल की हुईं लता मंगेशकर को प्रधानमंत्री ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और उनसे टेलिफोन पर हुई बातचीत सुनवाई।
कहा, अध्यवसाय लता दीदी से सीखिए
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका जाने से पहले लता मंगेशकर को फोन करके उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा लता दीदी उम्र के इस पड़ाव में भी सक्रिय हैं, यह खुशी की बात है। पीएम मोदी ने कहा कि अध्यवसाय सीखना हो तो लता दीदी से सीखिए। इस उम्र में भी उनके भीतर युवाओं जैसा जज्बा बरकरार है। लता मंगेशकर से फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उनकी विनम्रता नई पीढ़ी के लिए बड़ी सीख है। उन्होंने लता मंगेशकर से वादा किया कि वह उनके घर आएंगे और वहां गुजराती व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे।
ई-सिगरेट से दूर रहने की अपील
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में खासकर युवा पीढ़ी को तंबाकू और ई-सिगरेट से होने वाले नुकसान से आगाह किया। उन्होंने कहा कि कई बार किशोर फैशन में, शौकिया तौर पर तंबाकू सेवन और स्मोकिंग शुरू कर देते हैं और इस नशे का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि तंबाकू सेहत के लिए बहुत हानिकारक है और नशे से जिंदगियां बर्बाद होती है। ई-सिगरेट पर हाल में लगाए गए प्रतिबंध का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इसका इस्तेमाल करने वालों से इसे छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि ई-सिगरेट के बारे में कोई गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए, यह भी सेहत के लिए उतना ही खतरनाक है जितना सिगरेट और तंबाकू।
डेनिल मेदवेदेव की सादगी के मुरीद मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंन की बात में युवाओं में सकारात्मक सोच की महत्ता पर जोर दिया है। उन्होंने इसके लिए यूएस ओपन 2019 में उपविजेता रहे टेनिस स्टार डेनिल मेदवेदेव का उदाहरण दिया। उन्होंने 23 वर्षीय रूसी खिलाड़ी के स्पोर्ट्समैन स्पिरिट की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यूएस ओपन में जीत के जितने चर्चे थे उतने ही उपविजेता रहे मेदवेदेव की स्पीच के भी चर्चे थे। मोदी ने कहा कि मेदवेदेव की सादगी और परिपक्वता हर किसी को प्रभावित करने वाली थी। मोदी ने कहा कि वह इस युवा खिलाड़ी के भाषण से खूब प्रभावित हुए। उन्होंने कहा, ‘मेदवेदेव अभी थोड़ी देर पहले ही फाइनल मुकाबला हारे थे। कोई और होता तो वह उदास होता लेकिन मेदवेदेव ने अपनी बातों से सभी के चेहरों पर मुस्कान ला दी।’ उन्होंने कहा कि मेदवेदेव ने हार के बाद भी नडाल की तारीफ की जो खेल भावना का जीता-जागता सबूत हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि नडाल ने भी मेदवेदेव के खेल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक ही मैच में हारने वाले का जोश और जीतने वाली की विनम्रता दोनों ही देखने लायक थीं। इसमें हर वर्ग और हर उम्र के सीखने के लिए काफी कुछ है। ये क्षण हार-जीत से परे होते हैं। हार-जीत मायने नहीं रखती। जिंदगी जीत जाती है।