भोपाल मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास, राजा भोज के नाम पर होगी मेट्रो

भोपाल, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास करने के बाद परियोजना का नामकरण राजा भोज के नाम से ‘भोज मेट्रो रेल’ करने की घोषणा की। उन्होने कहा कि शहरों को सुरक्षित और सुंदर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उनका विस्तारीकरण बुनियादी सुविधाओं के साथ हो। नाथ आज यहाँ एम.पी. नगर में भोपाल मेट्रो रेल परियोजना का भूमि-पूजन कर रहे थे। कार्यक्रम में भोपाल जिले के प्रभारी सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और खनिज विकास मंत्री प्रदीप जायसवाल उपस्थित थे।
नाथ ने कहा कि भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना के भूमि-पूजन के साथ ही प्रदेश में विकास के एक नये अध्याय की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि मेट्रो सिर्फ आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है। शहरों में बढ़ती हुई आबादी का नियोजन बेहतर ढंग से हो, इसके लिए यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य को देखते हुए शहरों के मास्टर प्लान को इस तरह तैयार करना होगा, जिससे हम आने वाली पीढ़ी को हर दृष्टि से सर्वसुविधायुक्त शहर दे सकें। उन्होंने दिल्ली के पास विकसित हुए नोएडा और गुड़गांव का उल्लेख करते हुए कहा कि आज अगर ये दो नए क्षेत्र विकसित नहीं होते, तो दिल्ली की क्या हालत होती, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए यह जरुरी है कि हम समय से शहरों के विस्तार की योजना बनाकर लोगों को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाएँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शहर स्वच्छ हों, स्मार्ट हों, इसके साथ यह भी जरूरी है कि परिवर्तन के इस दौर में हम अपनी सोच में भी बदलाव लाएं। हर नागरिक अपने अंदर परिवर्तन लाए और अपने शहर को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाने में सहयोग करे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि भोपाल शहर का बहुप्रतिक्षित मेट्रो रेल का स्वप्न पूरा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के सहयोग से 2022 तक इस परियोजना की पहली लाइन को पूरा कर देंगे। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्रों के विकास और विस्तार को लेकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में दो कॉरीडोर बनेंगे। पहला कॉरीडोर करोंद सर्कल से एम्स अस्पताल तक और दूसरा कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहे तक बनेगा। इसकी कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपये होगी। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय शंकरदयाल शर्मा के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले व्यक्ति हैं, जो भोपाल के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं।
जनसम्‍पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि भोपाल की जनता मुख्यमंत्री कमल नाथ की आभारी है, जिन्होंने भोपाल मेट्रो रेल की सौगात को आज जमीन पर साकार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि वर्षों पुरानी विचाराधीन मेट्रो रेल परियोजना आज शुरु हुई। उन्होंने कहा कि भोपाल के विकास के साथ पूरे प्रदेश में अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री कमल नाथ काम कर रहे हैं। इससे निश्चित ही प्रदेश के विकास का एक नया नक्शा बनेगा। उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल उनके विजन डाक्यूमेंट का एक हिस्सा था।
ऐसे शुरू हुई परियोजना
नाथ ने भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के शिलान्यास समारोह में परियोजना की शुरूआत कैसे हुई, इस बारे में विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वे शहरी विकास मंत्री थे, तब जयपुर में शुरु हुई मेट्रो रेल परियोजना के शुभारंभ समारोह में गए थे। उसके पहले वह बैंगलौर, हैदराबाद में भी मेट्रो रेल शुभारंभ समारोह में शामिल हुए थे। तब उन्हें लगा था कि यह मेट्रो रेल हमारे प्रदेश के भोपाल और इन्दौर जैसे शहरों में क्यों शुरु नहीं हो सकती। नाथ ने बताया कि तब उन्होंने दिल्ली से प्रदेश के तत्कालीन मंत्री बाबूलाल गौर को फोन लगाया और उनसे कहा कि वे मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत क्यों नहीं कर रहे हैं। गौर ने उन्हें बताया कि पैसा ही नहीं है। डीपीआर बनाने के लिए भी हमारे पास पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने गौर से कहा था कि वे प्रस्ताव बनाकर भेजें। नाथ ने बताया कि प्रस्ताव आने पर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री होने के नाते मैने मेट्रो रेल की डीपीआर बनाने के लिए उस समय मध्यप्रदेश को 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे।
नाथ ने भोपाल के सौंदर्यीकरण और बड़े तालाब के विकास के लिए केन्द्रीय मंत्री के रूप में दी गई मदद का भी जिक्र किया। नाथ ने बताया कि जब वे जवानी के दिनों में भोपाल आते थे, तो भोपाल की बड़ी झील की दुर्दशा देखकर शर्मिंदा होते थे। उन्होंने बताया कि यह बात वर्ष 1991 की है। बड़ी झील न केवल गंदी थी बल्कि उसके आसपास सड़कें भी नहीं थीं। पर्यावरण मंत्री के रूप में उन्होंने भोपाल झील के सौंदर्यीकरण, साफ-सफाई, वृक्षारोपण और सड़क आदि के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब झील के आसपास हुए विकास कार्यों और साफ-सफाई को देखता हूँ, तो मुझे बहुत खुशी मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *