फर्जी दस्तावेज से अनुबंध कर 63 लाख रुपये हड़पे , रजिस्ट्री करवाने वालें 4 आरोपियों पर एफआईआर

जबलपुर, गोहलपुर पुलिस ने जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अनुबंध पत्र पर 63 लाख रुपये लेकर जमीन की रजिस्ट्री करने वाले जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। बताया गया है कि आरोपियों ने रिकार्ड से अलग हुये खसरे की रजिस्ट्री क्रेता के नाम कर दी। जबकि उक्त भूमि का राजस्व रिकार्ड में खसरा क्रमांक दर्ज नहीं है।
सीएसपी ने सौंपी थी जांच रिपोर्ट
इस बात का खुलासा होने पर क्रेता ने विक्रेता से संपर्क किया तो रकम वापस करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित महिला ने एक लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक को की। 2012 से अबतक मामलें की जांच चलती रही। पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली सीएसपी को मामलें की जांच सौंपी जिनके प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 406 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
यह की थी महिला ने शिकायत
गोहलपुर थाने में सरस्वती कालोनी निवासी 60 वर्षीय श्रीमती गिरजा देवी अग्रवाल ने लिखित शिकायत की कि अनिल जैन उर्फ गुड्डा जैन निवासी तिलक भूमि तलैया, मनोज कुमार उर्फ मन्टू जैन निवासी पुराना हनुमानताल, संतोष कुमार जैन निवासी गढ़ा फाटक द्वारा जीवन रजक से फर्जी कागजों से तैयार की गई जमीन का अनुबंध 19 मार्च 2012 को कर उसे 63 लाख रूपये में विक्रय करके धोखाधड़ी की है क्योंकि उक्त जमीन का खसरे से नाम सभी के नाम कलेक्टर एवं कमिश्नर कार्यालय द्वारा पृथक कर दिया गया है, उसने उपरोक्त जमीन अपने एवं अपने स्व० पति कृष्णकुमार अग्रवाल के नाम पर उपरोक्त व्यक्तियों से ६३ लाख रूपये में क्रय की थी, उपरोक्त व्यक्तियों ने उसे एवं उसके पति को जीवन रजक व उसके परिवार के साथ किये गये अनुबंध की छायाप्रति दी व जीवन रजक व उसके परिवार से उसके पति के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाई , उक्त रजिस्ट्री के गवाह अनिल जैन व निकलेश जैन उर्फ निक्की हैं एवं राशि लेन देन के समय सुधीश जैन थे।
41 लाख के चैक, 21 लाख नगद दिये
गिरजा देवी व उनके पति कृष्णकुमार ने उक्त जमीन की राशि यूनियन बैक आफ इंडिया शाखा गोपालबाग के 4 चैकों के माध्यम से कुल 41 लाख 82 हजार 200 रूपये जीवन रजक के नाम पर दिये तथा शेष राशि 21 लाख 78 हजार 800 रूपये उपरोक्त विक्रेताओं द्वारा नगद लिये गये, जीवन रजक व उनके परिवार की सहमति से उसके व उसके पति के नाम रजिस्ट्री करवाई गई , रजिस्ट्री के बाद उसके पति ने डायवर्सन खसरे में नाम चढ़ाने की बात कही तो मन्टू, गुड्डा, संतोष तीनों आनाकानी करने लगे तो उसने कहा खसरे मे नाम नहीं चढ़वा सकते तो पैसे वापस कर दो,
टेंशन में हो गई पति की मौत
महिला का आरोप है कि आरोपियों की धोखाधड़ी उजागर होने पर जब पैस वापस मांगे तो पैसे देने से इंकार कर दिया और आरोपी उसके पति को धमकाने लगे। इसी जमीन के टेंशन के कारण उसके पति की मृत्यु 9 जून 2017 को हो गई।

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