नई दिल्ली,सनातन मान्यता के अनुसार वर्ष का सातवां महीना अश्विन माह होता है। यह महीना देव और पितृ दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने से सूर्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं। शनि और तमस का प्रभाव बढ़ता जाता है। इस महीने में भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इस बार अश्विन का महीना 23 सितम्बर से 22 अक्टूबर तक रहेगा।
यह महीना दो भागों में बंटा है।
कृष्ण पक्ष को पितृ पक्ष कहा जाता है।
इसमें पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
वहीं शुक्ल पक्ष में नवरात्रि मनाई जाती है।
इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।
यह शक्ति प्राप्त करने की नवरात्रि है।
इस प्रकार इस माह में पूर्वजों का आशीर्वाद और देवी की कृपा, दोनों मिल जाती है
इस तरह से पूजा करें
इस माह में भी सूर्य उपासना लाभकारी होगी।
इसके अलावा कृष्ण पक्ष में पितरों की उपासना करें।
उनके लिए दान करें और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करें।
शुक्ल पक्ष में देवी की उपासना करें
सप्तशती का पाठ कर सकें तो और भी अच्छा होगा।
इस पूरे महीने में पौधों को लगाना भी शुभ होगा।
इस महीने इन बातों का ध्यान रखें।
इस मास में दूध का प्रयोग वर्जित है।
जहां तक सम्भव हो, करेला भी न खाएं।