किसानों का दर्द जानने कमल नाथ पहुंचे गांव-खेत, 15 अक्टूबर से पहले मिलेगा मुआवजा

भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सोमवार को मंदसौर और नीमच जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। कमल नाथ मंदसौर जिले की सुवासरा तहसील के ग्राम कायमपुर, पायाखेड़ी, बेटिखेड़ी पहुंचे और नष्ट फसलों, मकानों का जायजा लिया। वहीं, नीमच जिले के बाढ़ प्रभावित से रामपुरा बाढ़ राहत शिविर में पहुंचकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने नीमच के रामपुरा में गांधी सागर जलाशय की रिटेनिंग वॉल का निरीक्षण भी किया। मंदसौर के कयामपुर में बाढ़ पीडि़तों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि हमारी सरकार का सिस्टम अलग है। किस बात का सर्वे, खेत तो डूबे पड़े हैं। कागजी कार्रवाई होती रहेगी हमें तो किसानों के चेहरे पर फिर से मुस्कुराहट देखनी है। नाथ ने कहा कि इस वर्ष पूरे प्रदेश में बहुत अधिक बारिश हुई है। इस वर्षा से हमारे किसान भाई सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उनकी फसलें और मकान नष्ट हो रहे हैं और बड़ी संख्या में पशुहानि भी हुई है। यह एक प्राकृतिक एवं दैवीय आपदा है, इस पर हमारा बस नहीं है, परन्तु मुसीबत की इस घड़ी में मैं अपनी पूरी सरकार के साथ आपके साथ हूं, हमने जिला प्रशासन को तत्काल नुकसान का सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए हैं, सर्वे निष्पक्ष और शीघ्रता से किया जाए। हम आपको सभी फसलों के नुकसान में आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत जल्दी से जल्दी आर्थिक सहायता देंगे। हमने इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भारत सरकार से भी राशि की मांग की है। परन्तु मैं आपको विश्वास दिलाता है कि, वहां से सहायता मिले या न मिले, राज्य सरकार आपकी सहायता के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी, चाहे हमें कहीं और महत्वपूर्ण कार्यों के बजट में कटौती क्यों न करना पड़े। वह फसल चाहे सोयाबीन की हो, मूंग की हो, उड़द की हो या केले या सब्जियों की हो सभी फसलों के नुकसान में आर्थिक सहायता देगे। आरबीसी 6 (4) के नियमों अनुसार 2 हेक्टेयर कम भूमि वाले और 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले पीडि़तों को 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति पर भिन्न-भिन्न फसलों एवं सिंचित/असिचित भूमि के आधार पर 8 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर से लेकर 26 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक एवं 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पर भिन्न-भिन्न फसलों एवं सिचित/असिचित भूमि के आधार पर 16 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर से लेकर 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है।
किसानों को मिलेगी इतनी राहत राशि
नुकसानी प्रति हेक्टेयर नुकसानी
33 से 50 प्रतिशत 8 हजार से 26 हजार रुपए
50 प्रतिशत से अधिक 16 हजार से 30 हजार रुपए
बाढ़ पीडि़तों के लिए ऐलान
-50 किलो नि: शुल्क अनाज 6 माह तक
-बच्चों को नि: शुल्क कॉपी-किताब
-क्षतिग्रस्त आवासों को एक लाख रुपए
– बेघर लोगों को आवास निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपए
-प्रभावितों को कम दर पर बिजली
– मंदसौर में 40 हजार 530 किसानों के 392 करोड़ रुपए के फसल ऋ ण माफ
– 1 लाख 261 किसानों ने फसल बीमा करवाया है, जल्द देंगे राशि
मुख्यमंत्री ने बांटी राहत राशि
मुख्यमंत्री ने ग्राम कायमपुर के किसान तोलाराम, खातून बी, रामकन्या बाई, गोपाल, बहादुर सिंह, श्यामलाल, मि_ू सिंह, त्रिलोक कुमार, आशीष, रमेशचंद्र, रामदयाल, विनोद, जसवंत सिंह, मोहन लाल, कन्हैया लाल एवं गुमान सिंह को राहत राशि वितरित की।
लोगों की बचाने में जान गंवाने वाले शहजाद के परिवार को चार लाख
मंदसौर में बाढ़ पीडि़तों को बचाते हुए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले स्वर्गीय शहजाद मंसूरी के परिवार को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की।
पशुहानि की राशि भी देंगे
गाय, भैंस, ऊँट इत्यादि की हानि पर 30 हजार रुपए तक और भेड़-बकरी की हानि होने पर 3 हजार रुपए प्रति पशु दिए जाएंगे। इसके अलावा, गैर-दुधारू पशु और गाय, भैंस की हानि के लिए भी सहायता राशि दी जाएगी। पशुओं की हानि होने पर नियमानुसार पोस्टमार्टम किया जाना आवश्यक है, परंतु बाढ़ में कई किसानों के पशु बह गए हैं, जिनका पोस्ट मार्टम व्यावहारिक रूप से किया जाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया गया है कि पशु क्षति पर राहत राशि पंचनामा के आधार पर ही दी जाएगी।
2 लाख तक के ऋ ण 15 अक्टूबर तक होंगे माफ
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीमच जिले में जय किसान फसल ऋ ण माफी योजना में 18 हजार 158 किसानों के 178 करोड़ से अधिक के ऋ ण माफ किए गए हैं। ऋ ण माफी योजना में 50 हजार तक की ऋ ण माफी की सीमा को दो लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया है।
जब हमें सामने यह दिख रहा है कि खेत डूबे हुए हैं, मकान टूटे हुए हैं, तब हमें सर्वे का इंतजार किए बगैर प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाना चाहिए। मुआवजे के लिए पहले के समान भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार पीडि़तों के पास जाएगी, उन्हें सरकार के पास नहीं जाना पड़ेगा। नुकसानी पीडि़त लोगों को राहत देने के लिए अधिकारी मिशन के रूप में काम करें। कागजी कार्रवाई होती रहेगी। किसानों और बाढ़ प्रभावितों को तत्काल राहत दी जाए। भारी वर्षा के नुकसान का सही आकलन करें। कोई भी पात्र न छूटे, यह भी सुनिश्चित करें। बाढ़ पीडि़तों को राहत देने के लिए जो समय-सीमा निर्धारित की गई है, उसका सख्ती से पालन किया जाए। किसानों को आगामी रबी फसल के लिए समय पर बीज मिले। बीज की उपलब्धता तथा वितरण सुनिश्चित करें। राहत और मुआवजा देने के कार्य में कोई भी दिक्कत महसूस हो, तो वे तत्काल मुख्यमंत्री सचिवालय को सूचित करें। समय-सीमा में सभी किसानों के खातों में राशि जमा हो जाना चाहिए। हम किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखना चाहते हैं। हमारी प्राथमिकता है जिन किसानों की फसल नष्ट हुई है, मकान टूट गए है, घर में रखा हुआ अनाज नष्ट हो गया है, यहां तक की बच्चों की कॉपी-किताब तक बाढ़ में बह गई है, उन्हें तत्काल राहत और मदद पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार सभी के बारे में सोच रही है। हमनें तय किया है कि 15 अक्टूबर तक हर प्रभावित व्यक्ति के पास तक मदद पहुंच जाएगी।
-कमल नाथ, मंदसौर जिले के ग्राम कायमपुर में

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