भोपाल, हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में एटीएस ने इन्दौर से इस रैकेट से जुड़ी दो ओर युवतियों सीमा और आरती को गिरफ्तार किया है, इधर, भोपाल में श्वेता जैन और और बरखा भटनागर को गिरफ्तार कर इंदौर ले जाया गया है। अब एटीएस की निगरानी में पांचों युवतियों से लगातार पूछताछ की जा रही है। इन युवतियों के कई अन्य युवतियों से भी संबंध हैं, और यह पूरा रैकेट कई राज्यों से भी जुड़ा हुआ है।
50 लाख लेते समय फंसी
ननि इंदौर के अधिकारी को ब्लैकमेल करने के मामले में इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने कई खुलासे किए हैं। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में इंदौर नगर निगम के एक सब इंजीनियर ने पलासिया थाने मे अपनी शिकायत करते हुए बताया की भोपाल और छतरपुर की आरती दयाल और सीमा सोनी उसके और उसके अन्य परिचितों के मोबाईल नंबर से वाट्सएप पर कॉल ओर मैसेज कर रही हैं। महिलाओ के द्वारा फरियादी को यह कहते हुए बलैकमेल किया जा रहा था, कि उसके पास फरियादी के वीडियो थे। इस क्लिप के एवज में आरोपी महिला आरती दयाल इसे वायरल करने की धमकी देते हुए 3 करोड़ रुपयों की मांग कर रही हैं ओर पैसे ना देने पर इस विडियो क्लिप को वायरल करने की धमकी दे रही थी। शिकायत की जांच पर थाना पलासिया में महिला आरती दयाल और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। वही सूत्रो का कहना हैं कि दोनों युवतियां एक बार तो लाखों रुपए ऐंठ चुकी थीं। इसके बाद करोड़ों तक इनकी मांग पहुंची। मामले मे शिकायत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम ने जाल बिछाया और आरोपी महिला आरती दयाल को ब्लैकमैल की रकम तीन करोड़ रुपए की पहली किस्त 50 लाख रुपए लेने के लिए बुलाया, तब महिला अपनी लग्जरी होंडा क्रेटा कार से इंदौर आई। इस दोरान कार सहित पुलिस टीम ने आरती दयाल पति पंकज दयाल उम्र 29 वर्ष निवासी सागर लैडमार्क मिनाल रेसीडेन्सी भोपाल, मोनिका यादव पिता लाल यादव उम्र 18 वर्ष निवासी ग्राम सवस्या तहसील नरसिंहगढ जिला राजगढ़ ओर ओमप्रकाश कोरी पिता रामहर्ष कोरी उम्र 45 वर्ष निवासी आदमपुर छावनी थाना बिलखिरिया भोपाल को पकडकर हिरासत मे लिया। शुरुआती पुछताछ मे आरती ने बताया की वो बीएससी तक पढी है ओर बीते एक साल से मिनाल रेसीडेनसी भोपाल में रहती है, उसका पति एनजीओ का काम करता है। आरती ने पुछताछ मे खुलासा किया कि उसकी महिला साथी श्वेता जैन निवासी मिनाल रेसीन्सी ने उसे लगभग 8 महीने पहले नगर निगम इंदौर के अधिकारी से मिलवाया था, जिनकी मुलाकात के बाद उन दोनों में परस्पर फोन पर बातचीत शुरू हो गई और बाद मे आरती दयाल ने अधिकारी को मुलाकात के लिए जोर दिया। बाद मे मुलाकात के लिए जब आरती अपनी महिला साथी मोनिका के साथ नगर निगम अधिकारी से मिलने के लिए इंदौर पहुंची तो मुलाकात के दौरान ही उन्होंने चोरी छुपे एक वीडियो क्लिप बना ली और वापस भोपाल पहुंचने के बाद नगर निगम अधिकाररी से 3 करोड़ रूपए की मांग की ओर नही देने पर वीडियो वायरल कर उसे बदनाम करने की धमकी दी। मोनिका यादव ने पूछताछ में बताया कि वह बीएससी की पढाई भोपाल से कर रही है, और बीते एक साल से आरती को जानती है। अधिकारियो के अनुसार मोनिका, आरती दयाल के साथ उस समय भी इंदौर आई थी, जब उन्होंनें छुपकर नगर निगम अधिकारी का वीडियों बनाया था। वही आरोपी ओमप्रकाश कोरी पिता रामहर्ष कोरी उम्र 45 वर्ष निवासी आदमपुर छावनी थाना बिलखिरिया भोपाल ने पूछताछ में बताया कि वह वो आरती को बीते एक साल से जानता है, और उसकी कार चलाता है। इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने आगे बताया की आरोपी आरती दयाल के अनुसार उसकी महिला साथी श्वेता जैन पति विजय जैन उम्र 39 वर्ष निवासी जे 394 मिनाल रेसीडेंसी भोपाल की भी इसमें पूरे ब्लैकमेलिंग के खेल मे शामिल है। जिसके चलते टीम द्वारा श्वेता जैन को भी पुलिस हिरासत मे लेकर पुछताछ की गई। पुलिस ने श्वेता जैन के कब्जे से कुल चौदह लाख सत्तरह हजार रुपये नगद व मोबाईल फोन बरामद किये हैं। टीम ने पुछताछ के आधार पर हनीट्रैप ओर ब्लैकमैल के गोरखधंधे मे शामिल महिला गिरोह की अन्य साथियो श्वेता जैन एवं बरखा सोनी पति अमित सोनी उम्र 34 वर्ष निवासी कोटरा सुल्तानाबाद को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियो ने बताया की गिरोह ने पूर्व में किन लोगों के साथ इस प्रकार की वारदातें कर ब्लैकमेल किया है, इस संबंध में पुलिस रिमाण्ड लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी, वही जप्त सामान को एफएसएल जांच के लिए भेजा जावेगा, जिसके बाद ओर भी खूलासे होने की उम्मीद है।
टैंडर, ट्रांसफर और ठेके का भी खेल
सूत्रो की मानी जाये तो क्राइम ब्रांच ने भोपाल एटीएस के कब्जे से जिस हाईप्रोफाइल मामले में महिलाओं को हिरासत में लिया उसमें सरकारी विभागों में निकलने वाले करोड़ों रुपए के टैंडर, अफसरों के ट्रांसफर से लेकर अन्य ठेकों के खेल शामिल हैं, जिसकी चपेट में निगम के अफसर भी आ गए, जिनकी शिकायत पर पलासिया पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की है। सुत्रो का दावा है की छतरपुर, भोपाल से लेकर इंदौर तक इस मामले के तार जुड़े हैं, जिसमें अफसरों के अलावा कुछ व्यापारी और ठेकेदार भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार सभी सरकारी विभागों में करोड़ों रुपए के अलग-अलग कार्यों के टैंडर निकलते हैं, और स्वास्थ्य, निगम सहित अन्य विभागों में करोड़ों रुपए के सामान की भी खरीदी होती है। इसके अलावा नर्मदा अथॉरिटी में तो कई टैंडर बड़ी राशि के निकलते हैं। पिछले दिनों ई-टैंडर घोटाला भी उजागर हुआ था, जिसमें पूर्व भाजपा सरकार के कुछ मंत्री, अफसर और दलाल चपेट में आए हैं। इस ई-टेंडर मामले में भी एक कंस्ट्रक्शन फर्म से करोड़ों रुपए की राशि इंदौर निगम की एक पूर्व महिला नेता ने हासिल की है, जिसकी जांच आयकर विभाग ने भी शुरू की थी। यह मामला अभी जांच प्रक्रिया में ही है। वहीं पिछले दिनों एक आईएएस अधिकारी भी हनी ट्रैप का शिकार हुए, जिसके चलते उन्हें तुरंत हटाया भी गया। सुत्रो का दावा है की यह ताजा मामला भी उसी के आगे की कड़ी है, जिसमें चार महिलाओं को भोपाल पुलिस ने हिरासत मे लिया था, ओर उन्हे इंदौर एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीम अपने साथ ले जाकर पूछताछ कर रही है। इसमें खूबसूरत महिलाएं अपने जाल में फंसाकर अधिकारियों-कारोबारियों, ठेकेदारों से काम करवाती हैं, और बदले में लाखों-करोड़ों रुपए की रकम ली जाती है। इस प्रकरण में इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी भी चपेट में आए, जो लम्बे समय तक जनकार्य में भी पदस्थ रहे और पिछले कुछ समय से बड़े प्रोजेक्टों से जुड़े हैं, जिनमें सीवेज, आवास योजना से लेकर केन्द्र सरकार की कई योजनाएं शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि उक्त निगम अफसर भी चंगुल में फंसे और कुछ समय से ब्लैकमेल भी हो रहे थे। इन महिलाओं ने 3 करोड़ रुपए की मांग भी की, जिसके चलते पिछले दिनों पलासिया थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई, जिसके आधार पर क्राइम ब्रांच ने इन महिलाओं को कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू की। इसमें महिलाओं के पास से कुछ आपत्तिजनक वीडियो फोटो भी बरामद हुए हैं।
कई को बना चुकी है अपना शिकार
हालांकि पुलिस अधिकारियो का कहना है की मामले मे आगे की जांच की जा रही है, वही सुत्रो के अनुसार हनीट्रैप रैकेट में शामिल युवतियां कई राजनेताओं, आईएएस और आईपीएस अफसरों को अपने जाल में फंसा चुकी हैं। यह युवतियां वीडियो बनाकर अफसरों को ब्लैकमेल करती थीं। इंदौर के एक अफसर को ब्लैकमेल करने पर उनकी पोल खुली थी, लेकिन अफसर ने बदनामी के डर से शिकायत नहीं की थी। वही यह भी सामने आया है की गिरफ्तार युवतियों द्वारा अब तक कई नेताओं और अफसरों को ब्लैकमेल किया है। सूत्रो का कहना हे की इनके शिकार राजधानी मे रहे एक सीएसपी स्तर के अफसर भी बन चूके है, जिनकी आपत्तीजनक सामग्री बरामद हुई है, साथ ही कुछ ओर अफसरो के भी सुराग जांच टीम के हाथ लगे है। लेकिन इस मामले में अब तक किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई। एटीएस की जांच के बाद ब्लैकमेल होने वाले सभी नामों के खुलासे होंगे, जिसके बाद पुलिस उन सभी से पुछताछ कर सकती है, जिनके अशलील फोटो ओर एमएमएस महिला हनीट्रैप गिरोह के पास से बरामद होगे।
एक ही कॉलोनी मे चार साल मे बदले चार मकान
हनीट्रैप मामले में आरोपी महिला को पूर्व मंत्री और पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह के भोपाल स्थित बंगले से पकड़ा गया है। इस मामले में सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ब्रोकर सुरेश रावत के माध्यम से बंगले को एक तारीख को किराए पर दिया था। और वह महिला सितंबर से ही यहां रह रही है। इसके बाद आज उन्हें पता चला कि उस महिला को गिरफ्तार किया गया है। वही मामले मे ब्रोकर सुरेश रावत का कहना है की उसे महिला ने बताया था कि वो फिजियोथेरेपिस्ट का काम करती है, ओर उसके पति एनजीओ चलाते है। ब्रोकर के अनुसार महिला ने यह भी बताया था कि वो पिछले चार पांच साल से इसी कॉलोनी मे रह रही है, जिसके बाद ब्रोकर सुरेश ने उसे पूर्व मत्री का बंग्ला 35 हजार रुपये किराये से दिलवाया था। ब्रोकर द्वारा बंग्ला किराये से देने से पहले उसके पुलिस वेरीफिकेशन कराये जाने की बात भी सामने आई है। जानकारी के अनुसार हनीट्रैप करने वाली शातिर महिला का गिरोह बीते करीब चार सालो से एक की कॉलोनी मे रह रहा था, ओर इस दोरान उसने चार मकान बदले थे।
इंटेलिजेंस की राडार पर थी मास्टरमांइड महिला
हनीट्रैप गिरोह की मास्टरमांइड महिला पहले से ही इंटेलिंजेस के राडार पर आ गई थी। सुत्रो के अनुसार बीते दिनो ब्यूरोक्रेटस से लेकर कई अधिकारियो के आपत्ति जनक वीडीयो सोशल मीडीया मे सामने आने के बाद पीएचक्यू की स्पेशल ब्रांच इटेंलिजेंस ने इस गिरोह भोपाल मे रहने वाली महिला को राडार पर ले लिया था, ओर उसकी पूरी जानकारी जुटाना शुरु कर दिया था। इटेलिजेंस की जाच मे सामने आ गया था की महिला ने अपने गिरोह के साथ मिलकर कई अफसरो, नेताओ को जाल मे फंसा कर उनके अशलील वीडीयो बनाये है, ओर अब उन्हे ब्लैकमेल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इसी बीच इंदौर के नगर निगम इंजिनियर का मामला दर्ज होने पर आगे की छानबीन की गई। सुत्रो का कहना है की प्रकरण की जांच मे ब्लैकमेलर महिलाओ के हाईप्रोफाईल लिंको का पता चलने पर इस जांच मे एटीएस को शामिल किया गया।
जांच मे सामने आई जानकारी के मुताबिक ब्लैकमेलर हनीट्रैप महिला गिरोह अधेड उम्र के अफसर, अधिकारियो ओर मंत्रियो, नेताओ को अपना निशाना बनाती थी। इनको अपना शिकार बनाने के पीछे शातिर महिलाओ के कई कारण थे। ब्लैकमेलर महिलाओ का मानना था, की अधेड उम्र के मंत्री, अफसर अकेले रहते थे, ओर अधिकतर उनकी फैमिली बाहर होती थी। वही अधेड मंत्री, अधिकारियो से मिलने जुलने या फिर उनके बंगले पर जाने पर कोई शक भी नही करता था। इसके साथ ही ऐसे लोगो के पास पैसा भी बहुत अधिक होता था, ओर उम्र गुजरने के साथ ही उनका समाज मे काफी सम्मान होता था। वही ऐसे मंत्री, अधिकारियो का एमएमएस बनाने मे गिरोह का अधिक परेशानी भी नही होती थी, क्योकि अधिकतर वो ऐसी बाते समझ ही नही पाते थे। बाद मे ऐसे लोगो के आसानी से फंसने के बाद गिरोह उनका एमएमएस बनाने के बाद ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलता था, ओर वो बदनामी के डर से रकम देकर चुप रह जाते थे।
आरोपी पहले अपने शिकार को टारगेट कर उससे मेलजोल बढाते थे, थोडी मुलाकातो के बाद जब महिलाओ का फोन नंबर उनके टारगेट अपने मोबाईल मे सेव कर लेते इसके बाद बातचीत का दौर शुरु होता ओर फिर महिलाऐ उन्हे डिनर के लिये बुलाती थी। थोडी रिक्वेस्ट के बाद जब सफेदपोश ओर असरदार शिकार डिनर पर जाते तो वहा महिलाये उनके साथ फोटो सेशन कराती। इसके बाद उनसे अकेले मिलने के लिये प्लानिंग की जाती ओर शिकार अकेले मे मिलता तब महिलाये उनके साथ अंतरंग हो जाती ओर उनके गिरोह के साथी इसका एमएमएस बना लेते।
कोई भी आरोपी बचेंगे नहीं – गृहमंत्री
गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि यह बड़ी कार्रवाई है। इसमें गहराई से जांच की जा रही है। कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा। प्लान बनाकर लोगों को शिकार बनाते थे, वे सभी बेनकाब होंगे। भोपाल और इंदौर पुलिस मामले में जांच कर रही है। इसमें यदि अधिकारी, नेता जो भी हो पकड़े जाएंगे। पकड़ी गई महिलाएं नेता के घर में रह रही थीं। जांच के बाद ही हम नाम और पूरी जानकारी बताएंगे।