हरदोई, उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक दलित युवक को बंद कमरे में जिंदा जलाकर मारने के मामले में स्थानीय पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि बाहर जमा भीड़ से बचने के लिए युवक ने खुद को आग लगाकर खुदकुशी कर ली। वहीं मृतक के परिवार ने जोर देकर कहा है कि यह ऑनर किलिंग का मामला है। दरअसल, मौत से पहले दिए गए बयान में मोनू ने पुलिस को बताया था कि वह लड़की के परिवारवालों की दुकान से तंबाकू खरीदने गया था, जहां उसे अगवा करके आग लगा दी गई। वहीं, यह खबर मिलते ही मोनू की मां की सदमे से मौत हो गई थी। परंतु हरदोई के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने फरेंसिक रिपोर्ट और प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर दावा किया है कि पीड़ित ने खुद ही आग लगा ली थी।जानकारी के अनुसार मोनू शनिवार रात अपनी किशोर उम्र वाली प्रेमिका से मिलने गया था, जो ऊंची जाति से थी और उसके गांव में घर से 200 मीटर की दूरी पर रहती थी। वहां लड़की के चाचा और चाची ने दोनों को देख लिया और उन्होंने मोनू को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया। जिसके घर के बाहर भीड़ जुट गई, इसी भीड़ से बचने के लिए मोनू ने खुद को आग लगा ली।’ आग लगने से मोनू गंभीर रूप से झुलस गया था, जिसे इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया, परंतु रविवार को रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं, मामले में पुलिस की दलील युवक के मृत्यु से पहले दिए बयान और उसके परिवार द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से बिल्कुल अलग है। एफआईआर के अनुसार मोनू को एक खाट से बांधकर आग के हवाले कर दिया गया। बतना ही नहीं खाट की तस्वीरें जिस पर मोनू को जलाया गया था, उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। मृतक के परिवार ने यह भी दावा किया कि भीड़ का हमला एक संपत्ति विवाद का नतीजा था। पांचों आरोपियों पर एसी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और हत्या के आरोप भी लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।