अशोकनगर, क्षेत्र के पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को मुंगावली विधानसभा के करीब आधा दर्जन से अधिक गांवो में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से खराब हुई फसलों का जायजा लेने पहुंचे। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद यह पहला मौका है जब सिंधिया अपने क्षेत्र के लोगों के बीच पहुंचे। इस दौरान सिंधिया के चेहरे पर हार की शिकन दिखी और दर्द भी छलका। बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे सिंधिया ने प्रशासन द्वारा किए गए प्राथमिक सर्वे को नाकाफी बताते हुए नए सिरे से खराब फसलों का आकलन करने एवं शासन से अधिक से अधिक मुआवजा दिलाने की मांग की। करीब एक पखवाड़े तक जिले में लगातार हुई बारिश एवं बेतवा नदी में आई बाढ़ के कारण मुंगावली क्षेत्र के सैकड़ों गांवों की फसल लगभग पूरी बर्बाद हो चुकी है। पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पुराने संसदीय क्षेत्र में खराब फसल का जायजा लेने आए उनके साथ प्रदेश के राज्यमंत्री मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भी मौजूद रहे। खेतों में पहुंचकर सिंधिया ने खराब फसल का जायजा लिया एवं इसके बाद कलेक्टर व दूसरे अधिकारियों से कहा बारिश में हुए प्राथमिक आकलन से सही तरह का सर्वे नहीं हो सका है। इसलिए आप दोबारा से पानी सूखने के बाद सर्वे कराए।
हार का दर्द झलका
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार क्षेत्र में पहुंचे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर हार की शिकन साफ देखने को मिली। लोगों से बातचीत करते समय उन्होंने लगातार इस बात का उल्लेख किया,कि 17 साल तक लोगों की सेवा करते रहे। फिर भी शायद उनमें कोई कमी हुई होगी । जिसके कारण यह परिणाम आए। पत्रकारों के सवालो के जवाब में उन्होंने कहा कि नये सांसद क्षेत्र में आते है या नही इससे उनको कोई मतलब नही। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता से मेरा पारिवारिक संबंध है। उनके सुख के समय भले ही ना पाऊं , मगर दुख में मैं जरूर उनके साथ होता हूं । आगे इस क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखेंगे या नहीं इसका जवाब देते समय सिंधिया भावुक हो गए और कहा कि यह तो आगे वाला समय बताएगा।
मेरे परिवार के लोग परेशान हैं, इसलिए आया हूँ
मुंगावली में सिंधिया ने कहा जब कोई व्यापारी लेन देन करता है और उसमें कोई हानि हो जाये तो चोट नही लगती। क्योकि वो हानि पैसों की हानि होती है। पर मेरा और आपका रिश्ता एक सदैव मैंने तो माना था कि ह्र्दय का रिश्ता है विकास प्रगति का रिश्ता है। मैने तो जरूर माना था की एक एक जन जन के ह्रदय के अंदर मेरा रिश्ता है। सत्रह साल आपकी सेवा करने का सौभाग्य मुझको मिला। और जो सम्भव हो सका मैंने कोशिश की, सादगी के साथ, भ्र्ष्टाचार न पनपे, विकास हो प्रगति हो जन जन के साथ रिश्ता हो लेकिन कहीं न कहीं शायद उसी में मेरी कमी रह गई होगी। पिछले तीन महीने से में कई कारण बस व्यस्त रहा। दिल में पीड़ा भी है मैं और मेरा कोई राजनीतिक जिम्मेदारी भी बाकी नही रही थी। लेकिन जब मैंने सुना कि क्षेत्र में बाढ़ आई है। मेरी जनता नही परिवार के लोग परेशान है। सुख के समय में मैं आपके साथ रहूं न रहूं एक सामान्य नागरिक के रूप में क्योकि वही मरी आज हैसियत है लेकिन कोई आये न आये सिंधिया परिवार का मुखिया आपके साथ सदैव खड़ा रहेगा।