शाहजहांपुर, स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोपों की जांच जब भी एसआईटी शुरू करेगी, तब इस पूरे मामले में पर्दे के पीछे से किरदार निभाने वाले कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। छात्रा ने भले ही आरोप लगाने के दौरान किसी का नाम नहीं लिया, पर उसने किस पर आरोप लगाया, यह सब जानते हैं। पूर्व गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की ब्लैकमेलिंग की कोशिश का मामला भी मनगढ़ंत नहीं है। कभी स्वामी चिन्मयानंद के ही कालेज के छात्र रहे, पढ़ाई पूरी करने के बाद भी कालेज में दादागीरी जारी रखने वाले ने ही रंगदारी का पूरा कांड रचा था। पहले तो वह अकेला था, फिर दूसरा, तीसरा और इसके बाद छह से सात लोग इस पूरे मामले में शामिल हो गए। तय हुआ कि पांच करोड़ मिलने पर बराबर हिस्सा मिलना चाहिए। रुपया वसूल करने की कोशिश आखिरी वक्त तक होती। ब्लैकमेल करने वालों की हिम्मत की भी दाद देनी पड़ेगी, उन्हें दर्ज मुकदमे की कोई परवाह नहीं थी, उन्होंने अंतिम वक्त तक किसी न किसी माध्यम से स्वामी तक यहीं मैसेज पहुंचाने की कोशिश की कि अब भी वक्त है, मामला निपटा ले।