म्यांमार, म्यांमार में एक ऐसा मंदिर है, जहो दर्जनों की तादाद में घूमते अजगरों की पूजा की जाती हैं। स्थानीय लोग इसे सांप वाला मंदिर कहते हैं। वहीं, कुछ लोग मंदिर में सांपों की मौजूदगी को पगोडा की “शक्ति का संकेत” मानते हैं। दरअसल, म्यांमार के यंगून शहर की एक झील के बीच बना यह मंदिर अजगरों की वजह से मशहूर हो गया है। इस मंदिर में फर्श से लेकर खिड़कियों पर अजगर टंगे दिखते हैं। बुंगदोग्योक पगोडा नामक इस मंदिर में रहने वाली सानदार थीरी कहती हैं, “लोगों का मानना है कि उनकी मन्नतें यहां पूरी हो जाती हैं।” थीरी के अनुसार, “नियम भी ऐसा है कि श्रद्धालु कोई एक मन्नत ही मांग सकते हैं, एक से ज्यादा इच्छा जाहिर करना अच्छा नहीं होता।”यहां प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, एक बार गौतम बुद्ध एक पेड़ के नीचे ध्यान में बैठे थे। तभी बारिश होने लगी और उस वक्त एक अजगर ने अपने फन फैलाकर बुद्ध के सिर पर छत दी थी। स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर वे मंदिर को सांप लाकर देंगे तो उन्हें पुण्य मिलेगा। इस मंदिर के मुख्य कक्ष में बुद्ध की मूर्ति के पास पेड़ लगे हुए हैं। ये अजगर इन पेड़ों की शाखाओं पर झूलते रहते हैं, श्रद्धालु इन्हें देखकर इनकी पूजा करते हैं और सिर झुकाते हैं। खास बात यह है कि यहां आने वाले लोगों को इन अजगरों से कोई डर नहीं लगता, बल्कि कुछ लोग इनकी मौजूदगी को पगोडा की “शक्ति का संकेत” मानते हैं। सांप के लिए नाग शब्द का भी प्रयोग किया जाता है। दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के मंदिरों में सांप को एक खास अहमियत दी जाती है। हिंदू और बौद्ध मंदिरों में सांप ही नहीं, बल्कि कई अन्य पशुओं की भी पूजा होती है। इस मंदिर में लगे पत्थरों में सांप की आकृतियों को भी उकेरा गया है।