नई दिल्ली, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की आज आयोजित 47 वीं वार्षिक आमसभा में सेल अध्यक्ष, अनिल कुमार चौधरी ने कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 कंपनी के कायाकल्प का साल रहा। उन्होंने आगे कहा, सेल ने वित्त वर्ष 2018-19 में 2179 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ (कर-पश्चात लाभ) दर्ज किया है। कंपनी पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में 482 करोड़ रूपये के घाटे में थी। समेकित आधार पर, वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी ने 2349 करोड़ रुपये (कर पश्चात) का लाभ दर्ज किया, जबकि कंपनी वित्त वर्ष 2017-18 में समेकित आधार पर 281 करोड़ रुपये के घाटे में थी। कंपनी द्वारा किए गए ठोस उपायों और रणनीतिक पहलों का परिणाम वित्त वर्ष 2018-19 के 10,283 करोड़ रुपये के बेहतर म्ठप्ज्क्। के रूप में दर्ज किया गया, जो वित्त वर्ष 2017-18 के 5,184 करोड़ रुपये का करीब दुगना है। इस वार्षिक आमसभा के दौरान सेल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 5 प्रतिशत का लाभांश घोषित किया है।
सेल अध्यक्ष श्री चौधरी ने बैठक में बताया कि सेलेबल स्टील उत्पादन (विक्रेय इस्पात उत्पादन) में 7 प्रतिशत वृद्धि, वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 16प्रतिशत वृद्धि के साथ 66,267 करोड़ रुपये का सेल्स टर्नओवर,
वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 8 प्रतिशत वृद्धि के साथ प्रचालन क्षमता में सुधार दर्ज, जिससे बवदबेंज तवनजम से उच्च उत्पादन हुआ। इसी तरह बेहतर प्रोडक्ट मिक्स के तहत कोक दर में कमी (जो वित्त वर्ष 2018-19 पहली छमाही के मुकाबले दूसरी छमाही में 3 प्रतिशत बेहतर रही)
वहीं सेल द्वारा विशेष रूप वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी छमाही के दौरान किए गए विभिन्न पहलों से हॉट मेटल, क्रूड स्टील और सेलेबल स्टील के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई। वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी छमाही में पहली छमाही के मुकाबले, हॉट मेटल, क्रूड स्टील और सेलेबल स्टील में क्रमश: 12 प्रतिशत , 13प्रतिशत और 10प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान, पहली छमाही के मुकाबले दूसरी छमाही में लांग रेल उत्पादन में 28प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ यूटीएस-90 रेल के उत्पादन में 35 की वृद्धि दर्ज की गई।
सेल अध्यक्ष श्री चैधरी ने आगे कहा कि सेल ने रक्षा, रेलवे, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस, पावर, मैन्युफैक्चरिंग आदि क्षेत्रों में देश की हर बड़ी राष्ट्रीय बुनियादी परियोजना के साथ खुद को जोड़ा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान स्टैचू ऑफ यूनिटी (दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा) सहित बोगीबील ब्रिज (भारत का सबसे लंबा रेल-सड़क पुल), किशनगंगा और तुइरियल हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के लिए स्टील की आपूर्ति की है, जिसने नेशनल स्टील पॉलिसी 2017 के साथ-साथ मेक इन इंडिया के मिशन के लक्ष्यों की दिशा में भारत के विकास की गति को रफ्तार प्रदान किया है।