जयराम बोले मोदी के शासन का मॉडल ‘पूरी तरह नकारात्मक गाथा’ नहीं

नई दिल्ली, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल ‘पूरी तरह नकारात्मक गाथा’ नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना और उन्हें खलनायक की तरह प्रस्तुत करके कुछ हासिल नहीं होने वाला । उन्होंने राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब ‘मालेवॉलेंट रिपब्लिक: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया’ का विमोचन करते हुए कहा कि यह वक्त है कि हम 2014 से 2019 के बीच मोदी ने जो किया उसके महत्व को समझें, जिसके कारण वह सत्ता में लौटें। इसी के कारण लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 37।4 प्रतिशत वोट मिले जबकि सत्तारूढ़ राजग को कुल मिलाकर 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए।
जयराम रमेश ने कहा, ‘वह (मोदी) ऐसी भाषा में बात करते हैं जो उन्हें लोगों से जोड़ती है। जब तक हम यह न मान लें कि वह ऐसे काम कर रहे हैं जिन्हें जनता सराह रही है और जो पहले नहीं किए गए, तब तक हम इस व्यक्ति का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।’ उन्होंने आगाह किया कि ‘साथ ही अगर आप हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करने जा रहे हैं तो आप उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगे।’
मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास और पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय संभालने वाले रमेश ने साफ किया कि वह किसी से प्रधानमंत्री की सराहना या तारीफ करने के लिए नहीं कह रहे है बल्कि चाहते हैं कि राजनीतिक वर्ग कम से कम उन बातों को माने जो वह शासन में लेकर आए खासतौर से ‘शासन के अर्थशास्त्र’ के संदर्भ में। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा, ‘मैं आपको बता दूं कि जब शासन के अर्थशास्त्र की बात आती है तो यह पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है, शासन की राजनीति पूरी तरह अलग है।’ उन्होंने यह भी कहा कि उनके शासन मॉडल से जिस प्रकार के सामाजिक संबंध सृजित हुए हैं वे भी पूरी तरह से अलग हैं।
अपनी बात को साबित करने के लिए रमेश ने पीएमयूजे का उदाहरण दिया कि वह कैसे प्रधानमंत्री के लिए सफल साबित हुई। कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘साल 2019 में राजनीतिक विमर्श में हम सभी ने उनकी एक या दो योजनाओं का मजाक उड़ाया लेकिन सभी चुनावी अध्ययनों में यह सामने आया कि पीएमयूजे अकेली ऐसी योजना रही जो उन्हें करोड़ों महिलाओं से जोड़ पायी। इसने उन्हें ऐसा राजनीतिक खिंचाव दिया जो उनके पास 2014 में नहीं था।’
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में ऐसा कुछ हुआ जिसने मोदी को 2009 के आम चुनाव में ‘राष्ट्रीय राजनीति में एक मामूली नेता’ से ऐसा व्यक्ति बना दिया जिसने लगातार चुनाव जीते। रमेश ने कहा कि देश की जनता मौजूदा हालात को उनकी मौजूदगी से जोड़कर नहीं देख रही है, अब चाहे यह सही हो या गलत।

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