नई दिल्ली, मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी को 300 करोड़ से ज्यादा के बैंक घोटाले के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। दो दिन पहले ही सीबीआई ने इस मामले में रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर 354 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले मामले में दर्ज किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को पुरी को 20 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जिन पर मुकदमा दर्ज किया था उनमें पुरी के अलावा कंपनी (एमबीआईएल), उनके पिता और प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों-नीता पुरी, संजय जैन और विनीत शर्मा शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन पर कथित तौर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। बैंक ने एक बयान में बताया कि रतुल ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनके माता-पिता निदेशक मंडल में रहे। सीबीआई ने सोमवार को 6 स्थानों पर छापेमारी भी की थी।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने की थी शिकायत
यह मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज किया गया था। बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से लोन ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी। बैंक की यह शिकायत अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है। इसमें आरोप लगाया गया कि जब वह (कंपनी) कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रही तो एक फॉरेन्सिक ऑडिट किया गया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने खाते को 20 अप्रैल 2019 को फर्जी घोषित कर दिया। बैंक का दावा है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से फंड जारी कराने के लिए नकली और जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया।
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच झेल रहे हैं रतुल
बता दें कि रतुल पुरी पहले ही 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में जांच झेल रहे हैं। लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें बैंक फ्रॉड मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इसे रतुल पुरी परिवार के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। इससे पहले सोमवार को ईडी से कोर्ट से कहा था कि रतुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड के मामले में जांच से बच रहे हैं। पुरी ने अपने खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। शनिवार को दिल्ली कोर्ट के सामने रतुल के वकील ने कहा था कि वह चॉपर स्कैम की जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हैं। जबकि जांच एजेंसी ने पुरी की याचिका का विरोध किया और कहा कि उसने रविवार और सोमवार सहित कई मौकों पर पुरी को बुलाया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने पुरी की याचिका पर अपना आदेश आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।