आपसी सद्भाव की संस्कृति से देश का भविष्य सुरक्षित रहेगा – कमलनाथ

भोपाल, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि हमारी अनेकता में एकता और आपसी सद्भाव ही वह ताकत है, जो देश के भविष्य को सुरक्षित रखेगी। उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश का ऐसा नक्शा बनाने में जुटे हैं, जिसमें हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ रोजगार भी मिले। मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी का आव्हान किया कि वे देश और विश्व में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनों से जुड़ें, जिससे हमारा प्रदेश किसी भी मामले में पीछे न रहे। नाथ आज रवीन्द्र भवन में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के जन्म- दिवस पर आयोजित युवा संकल्प वर्ष 2019-20 समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राजीव गांधी की देन संचार क्रांति

भोपाल में मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की जयंती पर टीटी नगर स्टेडियम में आयोजित सदभावना रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए सुरेश पचौरी, मंत्री जीतू पटवारी एवं मंत्री पी सी शर्मा ।

नाथ ने कहा कि चंद्रगुप्त से लेकर सम्राट अशोक तक हमारा इतिहास, सभ्यता और संस्कृति सद्भाव की रही है। उन्होंने कहा कि राजीव जी ने सद्भाव की संस्कृति को आगे बढ़ाया। यही कारण है कि हम उनके जन्म- दिवस को सद्भावना दिवस के रूप में मनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने राजीव जी का स्मरण करते हुए कहा कि वे ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने देश को मजबूत बनाने के लिए सही दिशा और दृष्टि दी। उन्होंने विश्व में हो रहे परिवर्तन को पहचाना और उसमें भारत को अग्रणी बनाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिये। संचार के क्षेत्र में आज हमारा देश पूरे विश्व में अग्रणी है। देश के आई.टी. इंजीनियर, गूगल और पूरे दुनिया में अपना परचम लहरा रहे हैं और उनका सम्मान हो रहा है। इसका श्रेय सिर्फ राजीव गांधी को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राजीव गांधी कम्प्यूटर की क्रांति की शुरूआत कर रहे थे, तब निज स्वार्थ से जुड़े लोगों ने उनका भारी विरोध किया था। उनका कहना था कि कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी आने से बेरोजगारी बढ़ेगी लेकिन राजीव जी अपनी दूरदृष्टि पर डटे रहे क्योंकि उन्हें देश और युवाओं के भविष्य की चिंता थी। आज परिणाम हमारे सामने हैं। लाखों युवाओं को संचार क्रांति के बाद रोजगार के नए अवसर मिले हैं। नाथ ने कहा कि जो लोग इस तकनीक का विरोध कर रहे थे, वे आज डिजीटल इंडिया बनाने का मुफ्त का श्रेय ले रहे हैं।
परिवर्तनों के साथ चले युवा
नाथ ने कहा कि राजीव गांधी जब इस देश के प्रधानमंत्री बने, तब देश कई गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा था। उन्होंने पद सम्हालते हुए न केवल उन चुनौतियों का सामना किया बल्कि भविष्य की जरूरतों को समझते हुए देश को नई दिशा और दृष्टि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि वे अपने देश की महानता को समझें। यह वही देश है, जिसके सामने पूरी दुनिया के लोग नत-मस्तक हैं क्योंकि इतनी विभिन्नताओं और अनेकता के बाद भी हम एक झण्डे के नीचे खड़े हैं। उन्होंने सोवियत संघ का उदाहरण देते हुए कहा कि इतनी बड़ी सामरिक शक्ति होने के बावजूद वह कई टुकड़ों में बंट गया। आज हमारा देश आपसी सद्भाव के कारण शक्तिशाली है। यही हमारी असली ताकत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में तीन प्रकार के नेता होते हैं। एक वह होता है, जिससे जनता प्यार करती है। एक वह होता है, जिससे लोग डरते हैं और एक नेता वह होता है जिसकी लोग उपेक्षा करते हैं। राजीव जी भारतीय राजनीति के ऐसा राजनेता थे, जिन्हें जनता प्यार करती थी।

सदभावना की शपथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के जन्म-दिवस पर आज मंत्रालय के समक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में अधिकारियों-कर्मचारियों को सदभावना की शपथ दिलाई। अधिकारियों-कर्मचारियों ने जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्र, धर्म और भाषा का भेदभाव किए बिना एकता, सदभावना से कार्य करने और हिंसा का सहारा लिए बिना बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सभी प्रकार के मतभेद सुलझाने की शपथ ली। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आई.टी. क्रांति राजीव जी की देन

नाथ ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने बदलते विश्व के साथ नई पीढ़ी को सक्षम बनाने के लिए आई.टी. के क्षेत्र में क्रांति पैदा की। इसके लिये पूरा देश उन्हें जीवन पर्यन्त याद रखेगा। मुख्यमंत्री कमल नाथ आज यहाँ हबीबगंज थाने के समीप स्थित स्वर्गीय राजीव गांधी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पुष्पांजलि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
नाथ ने कहा कि मुझे याद है जब राजीव जी ने आई.टी. के क्षेत्र में भारत को विश्व के विकसित देशों के साथ सक्षम बनाने की शुरूआत की थी, तब उन लोगों ने इस बात का विरोध किया था, जो आज डिजिटल इंडिया का श्रेय ले रहे हैं।

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