अशोकनगर,पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते खेतों में पानी भरने के कारण अधिकांश फसलों को काफी नुकसान हुआ है। तेज बारिश के चलते नदियों में उफान आने के कारण किसानों के खेत डूब जाने से फसलें गलकर खराब हो गई है। नष्ट फसलों का सर्वे करा मुआवजा दिलाने की मांग किसान कर रहे है।
सोमवार को नईसरायं तहसील के किसानों ने बताया कि क्षेत्र में इस वर्ष सभी प्रकार की खरीफ की फसलें बहुत अच्छी बनी हुई थीं, लेकिन भारी बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कुछ किसानों की तो धान की फसलें भी पूरी तरह से डूब में आने से खराब हो गई हैं। मोनू रघुवंशी, कन्हैयारराम, रणवीर, सतीष लोधी, परमाल आदि ने बताया कि उड़द का महंगा बीज लेकर बोवनी की थी, लेकिन जैसे ही वर्षा का लगातार होना शुरू हुआ फसल पूरी खराब हो गई। दलहन फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। किसान भमरा, कुन्नू, हरि, कड़ोरीराम ने बताया कि हमारी बहुत कम जमीन है। जैसे-तैसे फसल उगाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं लेकिन लगातार बारिश होने से फसल नष्ट हो गई हैं, जिससे हमें आजीबिका चलाने की चिंता हो रही है। मौसम की मार से सभी ओर किसान बेहाल है। किसानों कहा कि हमारी उड़द की फसल में तेजी से फूल एवं फल लगने लगे थे। लेकिन लगातार बारिश से नदी में आई बाढ़ के कारण खेतो में पानी भरने के कारण फसल खराब हो गई।
यहां भी भारी नुकसान
लगातार तेज बारिश और नदियों में बाढ़ आने के कारण केवल नईसरायं तहसील ही नहीं जिले के कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बेतवा नदी के किनारे स्थित जिले की मुंगावली तहसील के गांवो में फसलें पानी में लगकर और नदी के रेसे में एक तरफ मुडक़र दब गई हैं। फसलों की पत्तियां गायब हो गई हैं और डंठल ही शेष बचे हैं। पांच दिन पहले तक जो फसलें खेतों में लहलहा रहीं थी, नदियों में उफान आने के कारण उनकी हालत यह हो गई है। नदी में बाढ़ आने के कारण बेतवा नदी के किनारे बसे हुरेरी गांव, सेमरखेड़ी, किरोला, सांवलहेड़ा, भेडक़ा, बाढ़ौली, निटर्र और कैंथन नदी ने ढि़चरी गांव की फसलों को बर्बाद कर दिया। वहीं सिंध नदी में उफान आने के कारण पौरूखेड़ी, तिघरी, साजापुर, रैंझा, अखाई आदि गांवों की फसलों को नुकसान हुआ है। इसके अलावा ओर व अन्य छोटी नदियां भी किनारों पर स्थित खेतों की फसलों को उखाडक़र बहा ले गईं, तो कुछ दूरी की फसलें पानी के बहाव से टूटकर मिट्टी में ही दबी हुई हैं। इसके अलावा खेतों में पानी भरने से ही भी फसलें गलकर सडऩे लगी हैं।
हजारों बीघा की फसलें हुई खराब
बारिश तो रुक गई, लेकिन फसलें अभी भी पानी में डूबी हुई हैं, जो पानी में ही गलकर सडऩे लगी हैं। इससे फसलों के पत्ते पीले और काले होकर गिरने लगे हैं। नदियों के किनारे के गावों में फसलों की स्थिति ऐसी ही है। एक अनुमान के मुताबिक जिलेभर में पांच हजार बीघा की फसलें खराब हो चुकी है, वहीं पानी में डूबे रहने से और ज्यादा क्षेत्र की फसलें बर्बाद होने की आशंका है।