कुआलालंपुर, मलेशिया ने शरण लिए इस्लामी विद्वान् जाकिर नाइक से छह घंटे पूछताछ के बाद प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा है कि अगर यह साबित हो गया कि उसकी गतिविधियां मलेशिया को नुकसान पहुंचा रही हैं तो उसका स्थायी निवासी दर्जा वापस ले लिया जाएगा। इससे पहले महातिर यह कहते रहे हैं कि उनके देश के पास यह अधिकार है कि वह नाइक को भारत प्रत्यर्पित करे या नहीं। बता दें कि भारत में उसके खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और गैरकानूनी गतिविधियां चलाने के केस चल रहे हैं।
नाइक पर मुस्लिम बहुल देश में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीनी नागरिकों के खिलाफ बयान देने का आरोप है। इस संबंध में अब तक 115 शिकायतें दर्ज की गई हैं।जाकिर के शो में जब उसके प्रत्यर्पण को लेकर किसी ने सवाल पूछा तो उसने कहा कि सबसे पहले मलयेशिया में रह रहे चीनी नागरिकों को अपने देश जाना चाहिए क्योंकि वे पुराने गेस्ट हैं। वह यहीं नहीं रुका और कहा कि मलयेशिया में रह रहे हिंदुओं को भारत में रह रहे मुस्लिमों से 100 प्रतिशत अधिक अधिकार मिले हुए हैं। उसके इस बयान की कई राजनीतिक पार्टियों ने निंदा की।
नाइक के बयान को देखते हुए पीएम महातिर मोहम्मद की अध्यक्षता में कैबिनेट ने फैसला किया कि उसे अब मलयेशिया में और नहीं रहने दिया जाएगा। संचार मंत्री गोबिंद सिंह देव और मानव संसाधन मंत्री एम.कुलासेगरन संयुक्त बयान में कहा, ‘हमने अपना पक्ष रख दिया है, वह यह कि कार्रवाई होनी चाहिए और जाकिर को मलयेशिया में नहीं रहने देना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘पीएम ने हमारी चिंताओं पर ध्यान दिया है। हम अब उनपर छोड़ते हैं और उन्हें फैसला लेना है कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए।’