बड़वानी, बड़वानी के राजघाट में एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें नाव में बैठे लोगों को करंट लगने से 40 वर्षीय चिमन पिता नटवर दरबार और 35 वर्षीय संतोष पिता लालसिंह मानकर दोनों की घटनास्थल पर मौत हो गई नाव में सवार तीन अन्य लोग भी घायल हुए जिनमें से दो का उपचार जिला अस्पताल बड़वानी में चल रहा है।
गौरतलब है कि बड़वानी जिले के लगभग 34 गांव सरदार सरोवर बांध की डूब में आ रहे हैं उनमें से राजघाट कुकरा एक गांव है जो सरदार सरोवर बांध की डूब में आता है । घटना के समय नाव में बैठे राजघाट के बाबू सिंह ने बताया कि नाव में सवार लोग भोजन और अन्य जरूरत का सामान लेकर टापू में तब्दील राजघाट जाना चाह रहे थे लेकिन वहां मौजूद प्रशासन ने उन्हें जाने से मना कर दिया लगभग 2 घंटे तक प्रशासन और डूब प्रभावितों में बहस चलती रही जिसके बाद डूब प्रभावित नाव में बैठकर दूसरे रास्ते से राजघाट की ओर जाने लगे तभी पानी के बीच से गुजर रहे बिजली के तारों के नीचे से नाव निकालने की कोशिश की और नाव चलाने वाले नाविक संतोष ने बिजली के तार हाथों से ऊपर कर नाव निकालने की कोशिश की लेकिन तारों में बिजली प्रवाहित होने के कारण नाविक संतोष करंट की चपेट में आ गया और उसके पास ही बैठे चिमन दरबार भी करंट की चपेट में आ गया जिसके चलते दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई हादसा इतना दर्दनाक था कि नाविक संतोष करंट की चपेट में आने के बाद पानी में गिर गया लेकिन तार पकड़े होने के कारण पानी के ऊपरी हिस्से में उसके सिर्फ हाथ दिखाई दे रहे थे बाकी का पूरा शरीर पानी के अंदर चला गया था नाव में बैठे बाबू सिंह ने भी नाव में पड़े प्लास्टिक के डब्बे से करंट लगे हुए दोनों लोगों से खुद को बचाते हुए लकड़ी वाले हिस्से पर बैठ कर अपनी जान बचाई घटना में घायल दो अन्य लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया मामले में कुछ ही देर बाद विवाद बढ़ने लगा और डूब प्रभावितों मृतकों के परिजन प्रशासन की हठधर्मिता का जमकर विरोध किया इसी बीच पुलिस और डूब प्रभावितों के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई जिसका भी बचाओ नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने किया।
मेधा पाटकर ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डूब क्षेत्र में अभी 32000 परिवार निवासरत है जिन की जान खतरे में है और अगर समय रहते सरकार नहीं चेती तो आने वाले दिनों में और कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ेगा सरकार को चाहिए कि वह बांध के गेट खोले और इस डूब से होने वाले हादसों को रोके।
मामला गर्माता देख बड़वानी कलेक्टर अमित तोमर और एसपी डीएस तेनिवार ने भी मौके पर पहुंचे जिनके बीच लगभग 4:00 बजे तक बातचीत चली जिसमें कलेक्टर अमित तोमर ने मृतकों के परिजनों को 8 8 लॉख रुपए की घोषणा की जिसमें 2 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपए एमपीईबी से और 2 लाख रुपए एनवीडीए विभाग के द्वारा दिए गए , साथ ही कलेक्टर ने पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच करने की बात कही है और जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया है।