भोपाल, सावन के महीने का हिन्दू धर्मावलंबियों में विशेष धार्मिक महत्व होता है। इसी महीने में पवित्र सावन सोमवार की शुरुआत होती है। इस महीन को भगवान शिव की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस बार शिव आराधना के सावन माह के तीसरे सावन सोमवार पर मंगलकारी त्रिवेणी संयोग बनेगा। 26 साल बाद एक बार फिर एक ही दिन सावन सोमवार और नागपंचमी 5 अगस्त को होगी। इससे पहले यह संयोग 16 अगस्त 1993 को बना था और अगला योग 21 अगस्त 2023 को होगा। ज्योतिर्विद् इस संयोग को खास मान रहे हैं। इस दिन किया गया नागदेवता का पूजन साधक को काल सर्प दोष से मुक्ति प्रदान करेगा।
राजधानी के ज्योतिर्विदों के मुताबिक नाग देवता का प्रतीक स्वरूप पूजन किया जाना चाहिए। धूप, दीप अगरबत्ती से पूजन करें और देवताओं के समान ही मीठा भोग प्रतीक रूप से लगाएं व नारियल अर्पण करें। संपेरे द्वारा पकड़े गए नाग के पूजन से बचकर नाग देवता का पूजन नाग मंदिर में ही करना श्रेष्ठ है।ज्योतिर्विदों के मुताबिक सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देव का पूजन करने की परंपरा है। पंचमी तिथि 4 अगस्त शाम 6.49 बजे शुरू होगी और 5 अगस्त दोपहर 3.54 बजे तक रहेगी। नाग पूजन का श्रेष्ठ समय 5 अगस्त सुबह 6 से 7.37 तक और 9.15 से 10.53 तक रहेगा। अमृत योग 5 को सुबह 5.45 से दोपहर 3.55 बजे तक होगा।