नई दिल्ली, लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी इस्तीफा दे चुके है। अब राहुल गांधी के स्थान पर उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए संसद के सत्र के समाप्त होते ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जा रही है, जिसमें नए अध्यक्ष को लेकर गंभीर मंथन करके अंतिम फैसला हो सकता है। कांग्रेस कार्यसमिति यह तय करेगी कि नए अध्यक्ष का चयन किस तरह से होना चाहिए। बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि कांग्रेस को पुनर्जीवित व मजबूती देने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिएं। गांधी परिवार के निकटवर्ती सैम पित्रौदा ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की हुई है। इस रिपोर्ट में लगभग 20 सुझाव दिए गए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 8 या 10 अगस्त को बुलाई जा सकती है। कांग्रेस कार्यसमिति अंतिम बार राहुल गांधी को अपना इस्तीफा वापस लेने का भी आग्रह कर सकती है। दूसरी ओर प्रियंका गांधी पहले ही कह चुकी है कि उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए न लिया जाए। राहुल गांधी ने मई महीने में अपना त्यागपत्र दिया था परन्तु कांग्रेस कार्यसमिति ने अभी तक उस मंजूर नहीं किया है।
यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने इन दिनों संसद में पार्टी का चार्ज स्वयं अपने कंधों पर उठाया हुआ है परन्तु संगठन तौर पर अभी तक पार्टी को नया अध्यक्ष नहीं मिला है। नया अध्यक्ष चुनना इसकारण भी जरूरी हो चुका है क्योंकि झारखंड,हरियाणा तथा महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी को इन चुनावों से 60 दिन पहले पुनर्जीवित करने की योजना तैयार करनी है। बताया जाता है कि सैम पित्रौदा ने अपनी रिपोर्ट में एक बोर्ड बनाने का सुझाव दिया है, जिसके अंदर 10 सदस्य होने चाहिए। ये सदस्य प्रोफैशनल, इंडस्ट्री, फाइनांस, बिजनैस से जुड़े होने चाहिए। एक सुझाव यह भी दिया गया है कि क्षेत्रानुसार पार्टी के जनरल सैक्रेटरी नहीं बनाए जाने चाहिएं, जैसा कि प्रियंका गांधी को लेकर किया गया था। उन्हें पूर्वी यू.पी. का प्रभारी बनाया गया था। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि जनरल सैक्रेटरी बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि एक जनरल सैक्रेटरी राजनीति से जुड़ा हो, दूसरा फाइनांस से, तीसरा मैम्बरशिप तथा चौथा एच.आर. से व अन्य जनरल सैक्रेटरी राज्यों के लिए होने चाहिएं। रिपोर्ट में कांग्रेस को जमीनी स्तर पर उभारने का भी सुझाव दिया गया है।