सिर की चोट से सूंघने की शक्ति पर पड़ता है असर, इससे बढ़ सकती है चिंता और बेचैनी

टोरंटो, ज्यादातर लोगों को पहले से पता है, सिर पर लगी गंभीर चोट की वजह से सूंघने की शक्ति कुछ समय के लिए कम हो जाती है। लेकिन हाल हुई एक रिसर्च में पता चला है कि सिर की मामूली चोट से भी सूंघने की शक्ति जा सकती है। साथ ही ऐंग्जाइटी यानी चिंता और बेचैनी की भी समस्या हो सकती है। एक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि मामूली हादसों, जैसे बिना हेल्मेट के बाइक से गिरने, ढलान से गिरने, बर्फ पर फिसलने और किसी के सिर से टकराने से यह समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कनाडा के मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के लेखक फैनी लेकायर जीगर ने कहा, ‘ज्यादातर लोगों को लाइफ में कभी न कभी सिर में हल्की चोट लगती ही है और उनके सूंघने की शक्ति कम हो गई है, इसके बारे में पता लगने के बाद उन्हें अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मरीज को इस परेशानी के बारे में डॉक्टर को बताना चाहिए, क्योंकि इसके बारे में ज्यादातर डॉक्टर पूछते नहीं हैं।’ इस रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने 20 हॉस्पिटल के मरीजों की तुलना की, जिनको हलकी चोटें लगी थीं।
इनमें 22 मरीज ऐसे थे, जिनके अंग टूट गए थे, लेकिन उनके सिर में चोट नहीं आई थी। हादसे के 24 घंटों के भीतर सिर में हल्की चोट वाले आधे से अधिक मरीजों की सूंघने की शक्ति कम हो गई थी। वहीं जिन मरीजों की सिर्फ हड्डियां टूटी थी, उनमें से केवल पांच फीसदी को ही इस परेशानी का सामना करना पड़ा था। हालांकि एक साल बाद सभी सामान्य हो गए थे। साथ ही सिर पर चोट खाए मरीज बाकियों से ज्यादा परेशान और बेचैन थे। सूंघने की उनकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए, शोधकर्ताओं ने दिसंबर 2016 और फरवरी 2017 के बीच स्विट्जरलैंड के अल्पाइन स्की रिसॉर्ट में मरीजों से मिले थे। सभी मरीजों को गुलाब, लहसुन, लौंग की सिंथेटिक खुशबू की पहचान करने को कहा गया था। एक साल बाद फिर से सभी मरीजों को फॉलोअप क्वेस्चनायर भेजा गया। शोधकर्ताओं ने इन दोनों समूहों के मरीजों के चोट लगने के दिन और 12 महीने बाद सामने आए परिणामों की तुलना की। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर मरीजों की सूंघने की शक्ति ऐक्सिडेंट के छह महीने के भीतर ही वापस आ गई थी। वहीं, उनमें से कई लोगों में बेचैनी की समस्या देखने को मिली। शोधकर्ताओंके अनुसार लगभग 65 फीसदी मरीजों ने इस तरह के लक्षणों के बारे में बताया।

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