उज्जैन महाकाल के दर्शन करने आई उमा भारती का पुजारियों से ड्रेस कोड पर विवाद

उज्जैन, पूर्व मंत्री मुख्यमंत्री उमा भारती के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में कुर्ता पहन कर प्रवेश किये जाने पर महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को इसके लिए आड़े हाथों लिया है। महेश पुजारी के मुताबिक जब महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने यह नियम बना रखा है कि गर्भगृह में प्रवेश बंद होने के दौरान यदि कोई गर्भ गृह में प्रवेश कर पूजा करना चाहता है तो पुरूष सोला पहनकर और महिला साड़ी पहनकर ही गर्भ गृह में प्रवेश कर सकता है तो फिर इसका क्यों पालन नहीं कराया गया।
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का वहां ड्रेस कोड को लेकर पुजारियों से विवाद हो गया। दरअसल उमा भारती साध्वियों के पहनावे भगवा अचला धोनी धारण कर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंची।लेकिन मंदिर और गर्भगृह में प्रवेश पर अलग ड्रेस कोड लागू है। इसी बात को लेकर पुजारियों ने आपत्ति ली तो उमा भारती का उनसे विवाद हो गया। हालांकि उमा भारती ने इस विवाद को ज्यादा तूल नहीं दिया और अपनी गलती स्वीकार करते हुए पुजारियों से वादा किया कि वे अगली बार मंदिर के ड्रेस कोड के मुताबिक साड़ी पहनकर आएंगी। दरअसल ये विवाद उनका महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ड्रेसकोड के लिए हुआ। बाद में उमा ने ट्वीट कर अपनी बात भी रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि पुजारी बहन समझकर उन्हें साड़ी उपहार में देते तो बहुत खुशी होती। उमा ने ड्रेस कोड होने की जानकारी नहीं होने की बात पुजारियों से कही। हालांकि उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा – मुझे पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है, मैं अगली बार दर्शन के लिए आऊंगी तो मैं साड़ी पहनकर आऊंगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा- मुझे साड़ी पहनना बहुत पसंद है तथा मुझे और खुशी होगी यदि पुजारीगण मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें। मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी। उमा ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
उन्होंने कहा- उज्जैन में महाकाल स्वयं अपनी शक्ति से तथा यहां के पुजारियों की परंपराओं के प्रति निष्ठा के कारण बने हुए हैं। ये बहुत कम लोगों को पता है कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं। वे महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान तक न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे महान परंपराओं के रक्षकों की हर आज्ञा सम्मान योग्य है उस पर कोई विवाद नहीं हो सकता। बता दें कि महाकाल के गर्भगृह के ड्रेस कोड को लेकर पहले भी कई वीआईपी विवादों में घिर चुके हैं। ड्रेस कोड को लेकर पहले भी कई विवाद हो चुके हैं। लेकिन उमी भारत ने अपनी ओर से इस विवाद को समाप्त कर दिया। बता दें कि महाकाल मंदिर प्रबंधन ने गर्भगृह में पूजा और दर्शन के लिए ड्रेसकोड लागू किया है। इसके तहत गर्भगृह में प्रवेश के दौरान महिलाएं साड़ी में और पुरुष धोती और सोला पहनकर ही प्रवेश कर सकते है। लेकिन जब उमा भारती साध्वियों के वस्त्र (भगवा अचला धोती) पहनकर गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन कर रही थीं, तो मंदिर के पुजारियों और पुजारी महासंघ के प्रमुख ने आपत्ति जताई।

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