एसटीएफ को व्यापम घोटाले में पेडिंग शिकायतो की जांच के लिए तीन महीने की डेडलाइन, 20 लोगों की स्पेशल टीम बनी

भोपाल, मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ई-टेंडर घोटाले के बाद अब व्यापमं महाघोटाले की जांच पर भी एक्शन मोड मे आते हुए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की समय सीमा तय कर दी है। जानकारी के अनुसार एक महीने से चल रही जांच में तेजी लाने और उसे पूरा करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है। एसटीएफ ने सरकार के निर्देश के बाद पेंडिंग शिकायतों को चिन्हित कर एफआईआर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे में भले ही व्यापमं महाघोटाले की जांच सीबीआई कर रही हो, लेकिन अब एसटीएफ भी घोटाले से जुड़ी पेंडिंग शिकायतों की जांच में तेजी ले आई है, सूत्रो का कहना है की गृहमंत्री बाला बच्चन के निर्देश के बाद एसटीएफ ने पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। सुत्रो का कहना है की जांच के लिए एसटीएफ के 20 अधिकारियों और कर्मचारियों की स्पेशल टीम बनाई गई है। वही पेंडिंग 197 शिकायतों में 100 शिकायतों को चिन्हित कर एफआईआर की कार्रवाई की जा रही है वही दर्ज होने वाली 100 एफआईआर में करीब 500 लोगों को आरोपी बनाया जाएगा। सूत्रो का कहना है की एसटीएफ द्वारा चिन्हित शिकायतों की जांच में शिवराज सरकार के कई मंत्री, आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम सामने आए हैं। इनमे पीएमटी 2008 से 2011 के साथ डीमेट और प्रीपीजी में हुई गड़बड़ियों की शिकायतों में सबसे पहले एफआईआर दर्ज होगी। जानकारी के अनुसार एसटीएफ की टीम सिर्फ पेंडिंग शिकायतों या फिर आने वाली नई शिकायतों पर जांच करेगी, वहीं एसटीएफ के अधिकारी सीबीआई की जांच में किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं करेंगे। सूत्रो का कहना है की जांच के दौरान बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों पर शिकंजा कस सकता है, वहीं जिन शिकायतों की जांच के लिए सीबीआई ने इंकार कर दिया था, अब उन शिकायतों की जांच एसटीएफ कर रही है। गोरतलब है की साल 2015 में एसटीएफ से व्यापमं घोटाले की जांच अपने हाथ में लेने के दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर सिर्फ दर्ज किए गए मामलों की जांच शुरू की थी, जिसे लेकर काफी हंगामा भी मचा था। उस समय सीबीआई ने 197 शिकायतें एसटीएफ को वापस भेज दी थी, तब से ये शिकायत पेंडिंग पड़ी हुई थी। कमलनाथ सरकार के निर्देश पर इन्हीं पेंडिंग शिकायतों की जांच करीब एक महीने से एसटीएफ कर रही थी, लेकिन सदन में मामला उठने के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। ये लंबित शिकायतें साल 2014 से 2015 के बीच की बताई जा रही है।

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