भोपाल, प्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से भी पूछताछ हो सकती है। घोटाले में शक की सुई एक वरिष्ठ आईएएस पर भी उठ रही है। उस समय वे विभागीय प्रमुख थे। मामले की छानबीन कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने पूर्व मंत्री और भाजपा नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव वीरेंद्र पांडे और ओएसडी रहे निर्मल अवस्थी को हिरासत में लेकर दोनों का गिरफ्तारी पंचनामा बना दिया है। पिछले एक-सवा महीने से जांच एजेंसी ने इन दोनों को अपने राडार पर रखा था। इनसे लगातार पूछताछ का सिलसिला चल रहा था। गौरतलब है कि दोनों को पिछले माह ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए बुलाया था।
सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी उस समय भी की जा सकती थी, लेकिन जांच एजेंसी ने अपना केस और पुख्ता बनाने के लिए जानबूझकर दोनों को छोड़ कर निगरानी में रखा। बताया जाता है कि ईओडब्ल्यू को छानबीन के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। इनमें यह भी बताया जाता है कि पांडे और अवस्थी हैदराबाद की मेसर्स मैक्स मेंटेना लिमिटेड कंपनी के सतत संपर्क में रहे। इन दोनों की घोटाले में शामिल अन्य कंपनियों से कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं। छानबीन में यह भी पता चला है कि दोनों का कनेक्शन सोरठिया वेलजी प्रा.लिमिटेड कंपनी के टेंडर से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले में अब यह भी माना जा रहा है कि जांच एजेंसी पूर्व मंत्री से भी पूछताछ कर सकती है। उधर इस मामले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक द्वेष की भावना से की जा रही है। उनका यह भी कहना है कि जिस घोटाले की बात की जा रही है, उसमें एक पैसे का लेनदेन नहीं हुआ है।