नई दिल्ली, भारत की नई उड़न परी हिमा दास ने 21 दिन में पांच स्वर्ण पदक अपने नाम कर कीर्तिमान रच दिया पर अब उनके छठे स्वर्ण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। चौंकिए नहीं, ऐसा नहीं है कि वो चोटिल हो गईं हैं या फिर वे किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले रहीं हैं, बल्कि इसकी वजह तकनीकी कारणों से जुड़ी है। दरअसल, हिमा दास को चेक रिपब्लिक में 28 अगस्त को होने वाली एथलेटिक मीट में हिस्सा लेना है। यहां उनके स्वर्ण जीतने की उम्मीद लगाई जा रही है। लेकिन हिमा दास के छठे गोल्ड की राह में अब वीजा की समस्या आड़े आ गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पोलैंड के सपाला स्थित ओलिंपिक सेंटर में हिमा समेत ट्रेनिंग कर रहे 24 एथलीटों के शैनेगन वीजा की अवधि पांच अगस्त को खत्म हो रही है, जबकि 28 अगस्त को चेक रिपब्लिक के ब्रेनो में होने वाली जोसेफ सेकर एथलेटिक मीट में हिमा और अन्य 16 एथलीटों को 400 मीटर की रेस में हिस्सा लेना है। वीजा की अवधि अभी तक नहीं बढ़ाई जा सकी है।
हालांकि रिपोर्ट के अनुसार, एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया एथलीटों के वीजा की अवधि बढ़वाने की कोशिश में लगी है, लेकिन अभी तक उसे इस काम में सफलता नहीं मिली है। अगर वीजा की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकी तो सभी एथलीटों को पांच अगस्त को सपाला से भारत लौटना पड़ेगा। हालांकि अगले साल टोक्यो ओलिंपिक और 26 सितंबर से दोहा में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप को ध्यान में रखते हुए फेडरेशन नहीं चाहती कि किसी भी कीमत पर एथलीटों को स्वदेश लौटना पड़े। अगर ऐसा हुआ तो फिर भारत की पदक उम्मीदों को बड़ा झटका लगना तय है। सपाला के ट्रेनिंग सेंटर में हिमा समेत नौ महिलाएं, आठ पुरुष और छह जेवेलिन थ्रोअर समेत अन्य खिलाड़ी मौजूद हैं। अगर ये सभी 28 अगस्त को होने वाली एथलेटिक मीट में नहीं खेल पाते हैं तो फिर इन्हें 27 से 30 अगस्त को लखनऊ में होने वाली इंटर स्टेट के जरिए विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना होगा।