प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक कर्मचारी के आश्रितों के हित में ऐतिहासिक पहल की है। इलाहाबाद कोर्ट ने सरकारी सेवा में समान अवसर व सामाजिक न्याय में सामंजस्य स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को मृतक आश्रितों को विशेष पैकेज देने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रितों की बड़ी संख्या और पदों की कमी को देखकर राज्य सरकार ऐसा तरीका अपनाए, जिससे खुली प्रतियोगिता से योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्त हो और आश्रितों को भी सामाजिक न्याय मिल सके। कोर्ट ने सुझाव दिया है कि सरकार आश्रित परिवार को दिवंगत कर्मचारी के निधन से अचानक आई आपत्ति से उबरने के लिए सरकार ऐसा कानून बनाए, जिससे नौकरी के दौरान मरने वाले कर्मचारी के आश्रितों को नौकरी की जगह तीन या पांच साल या जब तक वह कर्मचारी नौकरी करता, तब तक का वेतन दिया जाए, न कि उसके आश्रित को नौकरी। ऐसा करने से खुली प्रतियोगिता से नियुक्ति के अवसर बढ़ने और आश्रित को भी सहायता मिल सकेगी। कोर्ट ने प्रदेश के सभी विभागों के लिए आश्रितों को सामाजिक न्याय के कानून बनाने के लिए आदेश की प्रति प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को भेजने को कहा है।