नई दिल्ली, तीन तलाक संशोधन विधेयक 2019 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 303 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 82 वोट पड़े। इससे पहले तीन तलाक विधेयक पर तृणमूल सांसदों ने सदन से बहिर्गमन किया। वहीं, जनता दल यूनाइटेड ने बिल पर मतदान में भाग नहीं लिया।
ज्ञात रहे कि मुस्लिम महिलाओं के बहुविवाह प्रथा को रोकने के लिए मोदी सरकार तीन तलाक विधेयक लेकर आई है। इससे पहले मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में भी दो बार लोकसभा में इस विधेयक को पारित करा चुकी थी, लेकिन ऊपरी सदन में सरकार के पास बहुमत न होने के कारण विधेयक ऊपरी सदन से वापस होता रहा। माना जा रहा है वर्तमान सत्र में सरकार राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पारित कराने का प्रयास करेगी।
इससे पहले लोकसभा में विवादास्पद ‘तीन तलाक’ विधेयक पर चर्चा करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मामले को सियासी चश्मे से न देखें। उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम बहनों को न्याय दिलाकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक सुर में सभी बिल को पास करें। कानून मंत्री रविशंकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले और अध्यादेश के बाद भी मुस्लिम महिलाएं सुरक्षित नहीं है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद संसद के इस पहले सत्र में सबसे पहले इस विधेयक का मसौदा पेश किया था। कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है, लेकिन सरकार का यह कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक मांग कर रही हैं कि इसे जांच पड़ताल के लिए संसदीय समिति को सौंपा जाए। भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के पास निचले सदन में पूर्ण बहुमत है और उसके लिए इसे पारित कराना कोई मुश्किल काम नहीं होगा। लेकिन राज्यसभा में सरकार को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है जहां संख्या बल के लिहाज से सत्ता पक्ष पर विपक्ष भारी है।