न्यूयार्क,अंतरिक्ष की कक्षा में जाने वाले और चांद पर पहला कदम रखने वाले वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रॉन्ग की मौत से जुड़ा एक रहस्य का खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में सिनसिनाटी के एक अस्पताल में हार्ट सर्जरी के दो हफ्ते बाद नील की मौत हो गई। उस वक्त तो सभी ने बेहद नम आंखों से नील को विदा किया। लेकिन अब जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक नील की मौत की वजह उनके इलाज के दौरान बरती गई लापरवाहियां है। जानकारी के मुताबिक सिनसिनाटी के पास मर्सी हेल्थ फेयरफील्ड अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां उनकी हार्ट की बायपास सर्जरी हुई लेकिन उनके बेटों ने दावा किया कि इलाज के दौरान अस्पताल का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना था और ये ही लापरवाही उनकी मौत की वजह बनी। इतना ही नहीं उन्होने ये भी कहा कि अस्पताल द्वारा ही रखे गए एक एक्सपर्ट ने भी पाया की उनकी ट्रीटमेंट में काफी कमियां हैं।
हालांकि उस वक्त अस्पताल ने इन आरोपों को मानने से इनकार कर दिया, लेकिन अस्पताल की इज्जत बचाने और मामला दबाए रखने के लिए अस्पताल प्रबंधन और आर्मस्ट्रॉन्ग परिवार के बीच एक सेटलमेंट हुआ, जिसके तहत अस्पताल ने उनके परिवारवालों को 6 मिलियन डॉलर का भुगतान किया। इसके साथ ही उन्होने इस पूरे मामले को गुप्त रखने की भी गुजारिश की। अब तक ये पूरा मामला पूरी तरह से गुप्त था। लेकिन आर्मस्ट्रॉन्ग के चांद पर कदम रखने की पचासवीं सालगिराह पर किसी अज्ञात ने एक अखबार को 93 पन्नों का एक पत्र भेजा, जिसमें उनके इलाज और मौत के बाद हुए इस सेटलमेंट से जुड़े दस्तावेज थे। भेजे गए पत्र के साथ दोनों तरफ कानूनी मामले के संबंधित कागजात, चिकित्सकों की रिपोर्ट भी शामिल थी। वहीं कुछ कागज ऐसे भी थे जिसमें ‘सील के तहत दायर’ चिह्नित हैं और ये सार्वजनिक रूप से प्रोबेट कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। जो इस बात कि पुष्टि करता हैं कि अखबार को मिली इस जानकारी के सारे दस्तावेज प्रामाणिक हैं।