लोकसभा में ट्रम्प के कश्मीर पर दिए बयान से हंगामा कांग्रेस का वाकआउट, राजनाथ बोले मध्यस्थता स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं

नई दिल्ली, कर्नाटक में सियासी घमासान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मुद्दे पर दिए गए बयान पर विपक्ष का हंगामा लोकसभा में दूसरे दिन भी जारी रहा। सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। उन्होंने सदन में ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे लगाए। कांग्रेस सांसद मांग कर रहे थे कि कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप के विवादित बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दें। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे पर शून्यकाल में सरकार का पक्ष रखा। इसके विरोध में कांग्रेसी सांसदों ने सदन से वाकआउट कर दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर पर किसी की मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा सरकार राष्ट्र के स्वाभिमान के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने कहा हम कश्मीर पर ही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर पर भी बात करेंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा जहां तक हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच बातचीत का प्रश्न है, तो जून के महीने में बातचीत हुई थी। हमारे विदेश मंत्री ने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कोई बातचीत नहीं हुई। इससे अधिक प्रमाणिक कोई और बयान नहीं हो सकता। जिस समय प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच बात हुई उस समय विदेश मंत्री वहां मौजूद थे।
कश्मीर पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करने पर जोर देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मध्यस्थता स्वीकार करने का का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। ऐसा करना शिमला समझौते की प्रतिबद्धता से पीछे हटना होगा। राजनाथ सिंह ने कहा पाक से जब बात होगी तो कश्मीर पर ही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर पर भी बात होगी।
उन्होंने कांग्रेस के वॉकआउट करने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा लोकतंत्र में परस्पर विश्वास बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैंने सरकार की ओर से विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया, इसके बाद भी कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट किया है। सरकार सवालों के जवाब देने को तैयार है, लेकिन विपक्षी वॉकआउट पर उतारू हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा ऐसा करना वादाखिलाफी करने जैसा है।
सरकार की ओर से कहा गया है कि ट्रम्प मामले पर रक्षा मंत्री शून्य काल में कांग्रेस के नोटिस पर जवाब देंगे। हालांकि सरकार के प्रस्ताव को विपक्ष लगातार खारिज कर रहा है। विपक्ष की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री प्रश्न काल में लोकसभा में रहते हैं, लेकिन अभी तक आए नहीं हैं। लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कश्मीर पर डोलाल्ड ट्रंप के बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। साथ ही कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने देशभर में आदिवासियों की हत्याओं पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
बता दें कि बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही से पहले यूपीए अध्यक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कांग्रेस सांसदों के साथ बैठक की। इस बैठक में कर्नाटक और कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सरकार को कैसे घेरना है, इस पर चर्चा हुई। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका दौरे पर आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे पाकिस्तान के साथ विवाद को लेकर मध्यस्थता का आग्रह किया है। भारत ने तत्काल ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई आग्रह नहीं किया

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